गौशाला में जाकर गायों को गुड़ और लापसी खिलाई

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थांदला। जिन शासन गौरव जन-जन की आस्था के केंद्र आचार्य भगवान उमेश मुनि जी महाराज साहब के दसवें पुण्यस्मरण एवं आगम विशारद बुद्ध पुत्र प्रवर्तक देव श्री जिनेंद्र मुनि जी म. सा. के पावन जन्मदिवस के अवसर पर विदुषी महासती, प्रवचन प्रभाविका पूज्या श्री निखिल शीला जी म. सा. आदि ठाणा 4 के पावन सानिध्य में अखिल भारतीय चंदना श्राविका संगठन थांदला द्वारा  4 दिवसीय कार्यक्रम आयोजित किया गया ,जिसमें प्रथम दिवस संगठन के सभी पदाधिकारियों एवं सदस्यों द्वारा बामनिया गौशाला में जाकर गायों को गुड़ और लापसी खिलाई गई। द्वितीय दिवस पंचरंगी जाप का आयोजन किया गया जिसमें लगभग 150 श्राविकाओं एवं बच्चों ने उत्साह पूर्वक भाग लिया। तृतीय दिवस दोपहर में भव्य धार्मिक तंबोला आचार्य भगवंत के जन्म से लेकर देवलोक गमन तक का आयोजन और साथ ही गुरु गुणगान प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया जिसमें 150 के लगभग श्राविका एवं बच्चों ने उत्साह पूर्वक भाग लेकर आयोजन को सफलतम रूप प्रदान किया। धार्मिक तंबोला में बंपर फुल हाउस की विजेता श्रीमती पूर्वा मयंक जी श्रीश्रीमाल रही। इसी के साथ स्तवन गुरु गुणगान प्रतियोगिता में जूनियर वर्ग में प्रथम मास्टर नीर मनोज जी जैन द्वितीय कु. संयता अंकित जी लोढ़ा एवं तृतीय स्थान पर कु. सावी श्रीश्री माल रही ।सीनियर वर्ग में प्रथम श्रीमती पूजा जी पोरवाल द्वितीय श्रीमती पिंकी पावेचा एवं तृतीय स्थान पर श्रीमती स्मिता गादिया श्रीमती मेघा लोढ़ा एवं श्रीमती सुनीता छाजेड़ रही। स्तवन प्रतियोगिता के निर्णायक श्रीमती सुनीता पिचा एवं  सुश्री सीमा जी शाहजी थे।

चतुर्थ दिवस चित्र वदी ग्यारस 28 मार्च सोमवार को प्रवचन में 7 बाल तपस्वीयों का संगठन द्वारा बहुमान किया गया । दोपहर में जिज्ञासा की तरंगे पर आधारित ओपन बुक परीक्षा में लगभग 25 बहनों ने  भाग लिया उन्हें भी संगठन की ओर से प्रभावना वितरित की गई।

आयोजन को सफलतम रूप देने के लिए श्रीमती इंदू कुंवाड़ अध्यक्ष अखिल भारतीय चंदना श्राविका संगठन डूंगर प्रांत ने सभी का आभार माना। कार्यक्रम के विशेष सहयोगी श्रीमती स्वीटी जैन श्रीमती सुधा शाह जी श्रीमती किरण पावेचा श्रीमती हेमा जी मेहता श्रीमती संध्या भंसाली श्रीमती माधुरी छाजेड़ श्रीमती सानिया तलेरा श्रीमती दीपा शाहजी श्रीमती विनीता कांकरिया श्रीमती रश्मि घोड़ावत श्रीमती रोमी पालरेचा श्रीमती स्नेहलता वोहरा श्रीमती शांता शाहजी श्रीमती उषा भंसाली श्रीमती विभा जैन का विशेष योगदान रहा।

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