स्वास्थ्य विभाग ने कुष्ठ रोगी महिला से मुलाकात कर दवाई दी

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मयंक विश्वकर्मा, आम्बुआ

आम्बुआ इंदिरा आवास निवासी 80 वर्षीय कुष्ठ रोगी महिला रूमली पति पातलिया भील जो कि घर बार छोड़कर पंचायत प्रांगण में विगत दिनों से पड़ी है का समाचार प्रकाशन के बाद स्वास्थ्य प्रशासन हरकत में आया और पीड़ित से मुलाकात कर दवाइयां तो दी मगर प्रमुख समस्या भोजन-पानी तथा रहने की कौन हल करेगा ?

इंदिरा आवास आम्बुआ में रहने वाली महिला जो कि कुष्ठ रोगी है तथा हांथ-पांव से लाचार होकर अपने निवास से लगभग आधा किलोमीटर दूर तक सड़क पर घिसट- घिसट कर पंचायत प्रांगण में आकर पिछले 1 सप्ताह से खुले आसमान तले पड़ी जिंदगी गुजार रही है।

महिला रूमली पति पातलिया नि:संतान होकर विधवा तथा वृद्धा है उसकी इस हालत को देखते हुए झाबुआ-अलीराजपुर लाइव ने 28/03/22 को एक समाचार प्रकाशित किया जिसके परिणाम स्वरूप जिले के कुष्ठ रोग अधिकारी विरेन्द्र सिंह बघेल तथा आम्बुआ स्वास्थ्य विभाग की एल.एच.वी प्रमिला सोलंकी, ए.एन.एम मीरा परमार, लैब टेक्नीशियन हरेसिंह वारिया,  सफाई कर्मी रवि मारू आदि ने पंचायत प्रांगण में महिला की जांच की तथा उसे दवा गोली आदि दी। स्वास्थ्य विभाग के पास कुष्ठ रोगियों को रखने की कोई व्यवस्था नहीं है वे समय-समय पर ऐसे चिन्हित रोगियों को दवाइयां दिया करते हैं जिन रोगियों  के परिवार होते हैं तथा परिवार सहयोग कर उन्हें समय समय पर उपचार दिलाते हैं जांच कराते रहते हैं वे ठीक हो जाते हैं। मगर अधिकांश परिवार अंधविश्वास में पढ़कर ऐसे रोगियों से घृणा करते हैं तथा घरों में नहीं रखना  चाहते हैं उनकी स्थिति इस महिला की तरह हो जाती है स्वास्थ्य विभाग की ओर से दवाई दे दी गई मगर उसके रहने भोजन पानी तथा अन्य सेवा की व्यवस्था कौन करेगा ? या फिर यह पीड़ित महिला लावारिस हालत में एक दिन धूप बरसात में खुले आसमान के नीचे प्राण त्याग देगी यह विचारणीय है।

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