इन्हें कौन दे रहा संरक्षण; गली-मोहल्लों में बेची जा रही देशी-विदेशी शराब, कहां है आबकारी विभाग की टीम…

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सलमान शैख@ झाबुआ Live

आबकारी विभाग और अवैध शराब विक्रेताओं की मिलीभगत से अवैध रूप से शराब की बिक्री जोरों पर कराई जा रही है, जिसमें आबकारी विभाग की भी मौन स्वीकृति रहती है। शहर के लगभग सभी वार्डों, गली, मोहल्लों में अवैध शराब का कारोबार फल-फूल रहा है। जिससे युवा पीढ़ी नशे की गिरफ्त में फंसती जा रही है। 

कुछ अवैध शराब विक्रेता घरों में भी एक फोन कॉल पर ही शराब की डिलीवरी कर रहे हैं। शहर में केवल एक जगह ही अंग्रेजी और देसी शराब के ठेके खुले हुए हैं, लेकिन वर्तमान में अगर देखा जाए तो शासन, प्रशासन को ठेंगा दिखाकर गली-गली अवैध शराब के ठेके दिख जाएंगे। यह सब किसके संरक्षण में हो रहा है। आबकारी विभाग को इन अवैध शराब दुकानों का पता न हो ये हो नही सकता, क्योंकि सबकुछ खुलेआम हो रहा, फिर भी इन पर कोई कार्यवाही न होना आबकारी विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करता है। जिससे यह ज्ञात होता है कि आबकारी विभाग के अधिकारी भी इस अवैध कारोबार में लिप्त है। 

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार शहर की नगर परिषद की सीमा में 15 वार्ड आते हैं, जिसमें कुछ वार्डों को छोड़कर पूरी तरह यह कारोबार मकड़ जाल की तरह फैल हुआ है, अगर इस संबंध में किसी भी परेशान महिला, गरीब, बेसहारा लोगों द्वारा किसी वरिष्ठ जनों से शिकायत की जाती है तो उसकी आवाज को दबंगों द्वारा दबा दिया जाता है। जिससे बेखौफ इनके खिलाफ अपनी जुबान खोलने को कोई तैयार नहीं होता, वहीं दूसरी तरफ आबकारी विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा लक्ष्य पूरा करने के लिए स्थानीय आबकारी अधिकारियों पर इस अवैध शराब के कारोबार को लेकर दबाव डाला जाता है, तो स्थानीय अधिकारियों द्वारा मिलकर उन चुनिंदा लोगों के खिलाफ जब्ती की कार्रवाई की जाती है जो ठेकेदार के इशारे पर कमीशन की शराब बेचते हैं, जिन्हें बाद में ठेकेदार द्वारा ही छुड़ा लिया जाता है। 

परिवार में बड़ रहे विवाद

घरों में अवैध शराब की सप्लाई के चलते परिवारों में भी आपसी झगड़े बढ़ रहे हैं। शराबी भी शराब पीकर रोज सुबह सवेरे ही मंदिरो व स्कूलों के आसपास मंडराने लगते हैं जिससे मंदिर जाने वाली महिलाओ और स्कूल के छात्र-छात्राओं को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।

युवा भी हो रहे शिकार

इस पूरे मामले में बेहद गंभीर विषय यह है कि जगह-जगह बिकने वाली शराब पर किसी तरह की कार्रवाई न होने के कारण बच्चों के साथ-साथ युवा भी नशे के आदी होते जा रहे हैं। इसके चलते कई स्वजन भी हलकान होने लगे हैं। कुछ स्वजनों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि कई बच्चे तो इस कदर नशे के आदी हो गए हैं कि उन्हें डाक्टर से परामर्श लेना पड़ रहा है, ताकि किसी भी कीमत पर उनके बच्चे शराब की लत से मुक्ति पा सकें, परंतु इस मामले को लेकर जिम्मेदारों की चुप्पी भी उन्हें संदिग्धता के कठघरे में लाकर खड़ा कर रही है कि आखिर क्या वजह है इन पर कार्रवाई नहीं की जा रही है।मदिरा प्रेमी इन संकरी गलियों में खुलेआम बैठकर शराब पीते आसानी से देखे जा सकते हैं। चाहे राम मोहल्ला हो, तलावपाड़ा, वडलीपाड़ा, नई बस्ती, रूपगढ़ रोड, गांधी चौक, नया बस स्टैंड हो या थांदला रोड हो। लगभग नगर के विभिन्न स्थलों में अवैध शराब की बिक्री तेजी से की जा रही है और आबकारी अधिकारी है कि अपने कार्यालयों में बैठकर कागजी खानापूर्ति करने में लगे हुए है। देखना यह है कि क्या उक्त शराब की अवैध दुकानों पर कोई कार्यवाही आबकारी विभाग करेगा या धीरे-धीरे संपूर्ण नगर ही मयखाना में तब्दील हो जाएगा।

यह बोले आम नागरिक

– नगर के युवा दीपक काग का कहना है कि नगर में ऐसा कोई वार्ड शायद ही बचा हो जहां शराब का अवैध कारोबार न हो रहा हो। आबकारी विभाग पर इन पर लगाम कसने का जिम्मा है, लेकिन इस धंधे में लिप्त लोगों को और बड़ावा दिया जा रहा है। 

– नगर के वरिष्ठ दिनेश व्यास का कहना है कि नगर में युवा पीढ़ी शराब की गिरफ्त में आ रही है। इन अवैध दुकानदारों पर सख्त से सख्त कार्यवाही की जानी चाहिए। नही तो वो दिन दूर नही जब हर गली मोहल्ले में शराब के मयखाने नजर आने लगेंगे।

हमारे द्वारा कार्यवाही की जाएगी

सहायक जिला आबकारी अधिकारी गिलदारसिंह रावत ने बताया आपके द्वारा मामला संज्ञान में लाया गया है। जल्द ही इस और ठोस कार्यवाही हमारे द्वारा की जाएगी।

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