रितेश गुप्ता@थांदला
रूस और यूक्रेन के युद्ध में मच रही तबाही के बीच थांदला नगर के तीन मेडिकल छात्र यूक्रेन के अलग-अलग शहरों में फंसे थे, जिनमें से कशिश संजय चौधरी यूक्रेन से निकलकर कॉलिंग तक पहुंचने में कामयाब हो गई है, कुछ ही दिनों में स्वदेश भी लौट आएगी। यूक्रेन के लिवी शहर में फसे प्रज्वल आनंद अमलीयार भी यूक्रेन से हंगरी की तरफ पहुंच रहे हैं। परंतु यूक्रेन के खारकिव मैं फसी रिचा धानक का खारकिव से बाहर निकल पाना मुश्किल हो पा रहा है। रिचा धानक के पिता अनिल धानक ने बताया कि बेटी लंबे लंबे समय में संपर्क हो पा रहा है, वह खारकीव शहर में एक बंकर में है जहां उसके साथ 25 अन्य भारतीय भी हैं। अपने पिता से बात करते हुए रिचा ने बताया कि एंबेसी द्वारा स्टेशन पहुंचकर खारकिव से बाहर जाने का रास्ता बताया जा रहा है, परंतु स्टेशन की यहां से दूरी 20 किलोमीटर है, खारकिव शहर में कर्फ्यू लगा है, शहर पर जबर्दस्त बमबारी एवं मिसाइल अटैक हो रहे हैं, ऐसे में खारकिव से स्टेशन पहुंचना बहुत मुश्किल है।
