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अपनी पुत्री से बातचीत के दौरान रिचा ने बताया कि वह घर क्यों में एक बंकर के अंदर हे, खाने पीने का सामान नहीं मिल पा रहा है अपने पास पड़े पैसे भी खत्म हो चुके हैं एटीएम से पैसे निकालना मुश्किल हो पा रहा है। ऐसे में रिचा धानक के पिता अनिल धानक एवं माता रमा धानक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील कर रहे हैं कि शीघ्र अति शीघ्र उनकी पुत्री को भारत लेकर आए। झाबुआ लाइव से बातें करते हुए रिचा के माता पिता अनिल धानक एवम रमा धानक के अश्रु झलक आए, अनिल धानक ने कलेक्टर झाबुआ एवं भारत सरकार द्वारा जारी किए गए इमरजेंसी नंबर पर भी संपर्क किया है।
नगर के बोहरा मस्जिद के समीप किराना व्यापारी संजय चौधरी की पुत्री कशिश चौधरी भी यूक्रेन में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही थी, संजय चौधरी ने बताया कि शुक्रवार रात्रि में कशिश से संपर्क हुआ था वह पोलैंड की बॉर्डर तक पहुंचने वाले थे, परंतु रास्ते में बहुत अधिक ट्राफिक होने के कारण 10 से 15 किलोमीटर का सफर उन्हें पैदल तय करना पड़ रहा है, खाना तो दूर की बात है पानी तक कि बहुत दिक्कत हो रही है, पोलैंड बॉर्डर के आस पास आते ही नेटवर्क चले जाने से कशिश से संपर्क नहीं हो पा रहा है। पोलैंड पहुंच जाने के बाद में शायद कशिश से संपर्क हो पाए। युद्ध के कारण जैसी स्थितियां बनी हुई है उसे देख पिता संजय एवम माता आशुका सहित पूरे परिवार को कशिश की बहुत चिंता हो रही है, और फिर बीते कई घंटों से उससे संपर्क भी ना हो पाना चिंता को बढ़ा रहा है।