थांदला के 3 मेडिकल छात्र यूक्रेन में फंसे

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रितेश गुप्ता@थांदला

यूक्रेन और रूस के बीच चल रहा है युद्ध के बीच कई भारतीय यूक्रेन के अलग-अलग शहरों में फंसे हुए हैं। इन सभी के बीच मध्यप्रदेश के झाबुआ जिले के थांदला तहसील के 3 मेडिकल छात्र भी यूक्रेन के अलग-अलग शहरों में फंसे हुए हैं।  नगर की दो बेटियां व एक बेटा रिचा धानक, कशिश चौधरी एवम  प्रज्वल अमलियार यूक्रेन के अलग-अलग शहरों में , युद्ध के धमाकों के बीच फंसे हुए हैं। 

थांदला नगर के शास्त्री नगर कॉलोनी के निवासी अनिल धानक की पुत्री रिचा धानक उम्र 21 वर्ष यूक्रेन के खारक्यू में फंसी हुई है, रिचा धानक के पिता अनिल धानक ने बताया कि बीते कई घंटों से बालिका से संपर्क नहीं हो पा रहा है, शुक्रवार रात्रि 10:00 बजे के बाद उन्होंने बालिका की आवाज नहीं सुनी। जिस कारण अनिल धानक एवं उनकी पत्नी बालिका को लेकर बड़ी परेशान है। अपनी पुत्री से बातचीत के दौरान रिचा ने बताया कि वह घर क्यों में एक बंकर के अंदर हे, खाने पीने का सामान नहीं मिल पा रहा है अपने पास पड़े पैसे भी खत्म हो चुके हैं एटीएम से पैसे निकालना मुश्किल हो पा रहा है। ऐसे में रिचा  धानक के पिता अनिल धानक एवं माता रमा धानक  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील कर रहे हैं कि शीघ्र अति शीघ्र उनकी पुत्री को भारत लेकर आए। झाबुआ लाइव से बातें करते हुए रिचा के माता पिता अनिल धानक एवम रमा धानक के अश्रु झलक  आए,  अनिल धानक ने कलेक्टर झाबुआ एवं भारत सरकार द्वारा जारी किए गए इमरजेंसी नंबर पर भी संपर्क किया है।

नगर के बोहरा मस्जिद के समीप किराना व्यापारी संजय चौधरी की पुत्री कशिश चौधरी भी यूक्रेन में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही थी, संजय चौधरी ने बताया कि शुक्रवार रात्रि में कशिश से संपर्क हुआ था वह पोलैंड की बॉर्डर तक पहुंचने वाले थे, परंतु रास्ते में बहुत अधिक ट्राफिक होने के कारण 10 से 15 किलोमीटर का सफर उन्हें पैदल तय करना पड़ रहा है, खाना तो दूर की बात है  पानी तक कि बहुत दिक्कत हो रही है, पोलैंड बॉर्डर के आस पास आते ही नेटवर्क चले जाने से कशिश से संपर्क नहीं हो पा रहा है। पोलैंड पहुंच जाने के बाद में शायद कशिश से संपर्क हो पाए। युद्ध के कारण जैसी स्थितियां बनी हुई है उसे देख पिता संजय एवम माता आशुका सहित   पूरे परिवार को कशिश की बहुत चिंता हो रही है, और फिर बीते कई घंटों से उससे संपर्क भी ना हो पाना चिंता को बढ़ा रहा है।

थांदला नगर के  अंबेडकर कॉलोनी में तेजाजी मंदिर के पीछे निवास करने वाले आनंद विहार का पुत्र प्रज्वल अमलियार भी यूक्रेन के लिवि शहर में एमबीबीएस की चतुर्थ वर्ष की पढ़ाई कर रहा है , हालांकि लीव शहर में अभी किसी प्रकार का खतरा नहीं है परंतु पोलैंड की बॉर्डर तक पहुंचने के लिए वे जब शुक्रवार रात्रि में निकले तो किसी और मार्ग पर चले जाने से एवं रास्ता भटकने से पुनः लीवि भी शहर की और लौट आए हैं । फिलहाल प्रज्वल थे उनके पिता आनंद का संपर्क बना हुआ है, प्रज्वल लगातार एंबेसी से बात कर लौटने हेतु प्रयास कर रहा है, साथ ही भारत सरकार से भी अपील कर रहा है कि वे व  उनके साथ फंसे अन्य छात्रों को शीघ्र यहां से निकाला जाए वह सुरक्षित अपने देश एवं अपने घर को पहुंचाया जाए।

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