कोरोना की तीसरी लहर में फंस गए दर्जनों परिवार, घर वापसी तक का पैसा नहीं

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लवेश स्वर्णकार@रायपुरिया 

रायपुरिया झिरी जैसे छोटे ग्रामो में रोजी रोटी कमाने के लिए इलाके मे लगने वाले मेलो की सूचना पर झूले लगाने के लिए राजस्थान के अजमेर जिले से कई परिवार अंचलों में आए थे। रायपुरिया का मेला पंचायत चुनाव अधिसूचना लग जाने के कारण  निरस्त किया गया तथा अन्य मेले तीसरी लहर और ओमीक्रोन के चलते निरस्त कर दिए गए। इन मेलो के निरस्त हो जाने का सीधा असर इनकी रोजी रोटी पर पड़ा है। रायपुरिया तथा झिरी में यह दर्जनों परिवार तंबू तान कर छोटे छोटे बच्चो के साथ कड़कड़ाती ठंड में रह रहे है। इनकी स्थिति यह है कि एक टाइम का खाना खाकर समय बिता रहे है। इनकी मदद के लिए कोई आगे नही आ रहा है। 

प्रशासन से मांग

सत्तार पिता सपुर खान निवासी तनटोड़ी जिला अजमेर (राजस्थान) ने झाबुआ लाइव से बातचीत में कलेक्टर से मांग करते हुए बताया कि प्रशासन हमे कोविड नियमो का पालन करवाते हुए रोजाना या हाट बाजार वाले दिन झूले लगाने की अनुमति दे, जिससे थोड़ा बहोत रुपया एकत्रित कर वापस घर लौट सके। या फिर प्रशासन हमको परिवार झूलो सहित अपने गृह ग्राम तक पहुंचाने की व्यवस्था कर दे। अलताप पिता गफ्फार खान ने आंखों में आंसू लिए बताया कि हमारे पास घर जाने के किराए के लाले पड़ रहे है। तमाम झूलो का सामान तथा परिवार को अजमेर ग्रह ग्राम तक ले जाने में करीब ढाई से तीन लाख का खर्चा होगा। फिलहाल हम छोटे मोटे झूले चलाकर सुबह शाम के राशन की व्यवस्था कर रहे है। प्रशासन से हम उम्मीद करते है कि हमारे घर जाने तक कि व्यवस्था करवाई जाए। वसीम पिता गफ्फार खान ने कहा कि प्रशासन मदद नही करता है तो हमारी उम्मीद भगोरिया हाट पर है और उसी की राह देख रहे है।

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