बहुचर्चित पेटलावद ब्लास्ट कांड से जुड़े मुख्य केस में आज सोमवार को अपर सत्र न्यायालय झाबुआ में सुनवाई हुई। इसमे न्यायालय ने सबूतों के अभाव में मुख्य आरोपी धर्मेंद्र राठौड़ को बरी कर दिया। कोर्ट में इससे पहले वर्ष 2019 में अन्य तीन प्रकरणों में आए फैसले में सातों ही आरोपियों को बरी कर दिया था और अब मुख्य केस में भी बचे सहआरोपी को बरी करने का फैसला सुनाया है। राजेंद्र कांसवा जो कि ब्लास्ट केस का मुख्य आरोपी था उसकी मौत की पुष्टि के बाद एक ही आरोपी बचा था।
आरोपी धमेंद्र राठौड़ की ओर से पैरवी करने वाले वकील राजेंद्रसिंह देवड़ा (मंदसौर) व प्रतिक मारू ने बताया कि धर्मेंद्र राठौड़ ब्लास्ट केस में सहआरोपी बनाए गए थे। जो मुख्य आरोपी राजेंद्र कांसवा था जिसकी उसकी हादसे में मौत हो गई थी। जो एसआईटी उस समय गठित की गई थी उसे धर्मेंद्र के खिलाफ कोई भी ऐसा साक्ष्य नही मिला, जिससे कि धर्मेंद्र के खिलाफ आरोप सिद्ध हो सके। इसी के चलते आज हुई मामले की सुनवाई में माननीय न्यायालय ने आरोपी धमेंद्र राठौड़ को दोशमुक्त किया गया।
यह हुआ था 6 वर्ष पहले-
गौरतलब है कि पेटलावद में सेठिया रेस्टोरेंट के पास बने मकान में विगत 12 सितंबर 2015 की सुबह एक विस्फोट हुए था, जिसमें 79 लोगो की मौत हो गई थी और 150 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे। यह विस्फोट मकान में अवैध रूप से रखी जिलेटिन राड़े और डेटोनेटर से हुआ था। पेटलावद का रहने वाला राजेंद्र कांसवा विस्फोटक का व्यापारी था। विस्फोट के बाद चारो ओर लाशों का ढेर लग गया था। शरीर चीथड़ों में बदल गए। घटना के बाद मुख्य आरोपी राजेंद्र कांसवा को पुलिस ने इसी विस्फोट में मृत होने की पुष्टि की थी। इस विस्फोट की गूंज प्रदेश सहित देश-विदेश में भी गूंजी थी। जिसमें तत्कालिन प्रशासन और मुख्यमंत्री को जनता के विरोध के चलते तीन दिन तक पेटलावद क्षैत्र में प्रवास भी करना पड़ा था।