कोई धन  दान करता है, कोई दौलत दान करता है, और हम तो दान करते रक्त, जो नही किसी फेक्ट्री में 

0

विजय मालवी @ बड़ी खट्टाली

हम बात कर रहे है, खट्टाली के होनहार युवा की जो सेवा परोपकार को अपना धर्म समझते है। जिन्होंने कोरोनॉ काल मे सेकड़ो लोगो की सेवा की उन्हें अस्पतालों में पहुचाकर वहा भी हर किसी की मदद करना ही अपना सौभाग्य समझा। इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए युवा शुभम मेहता रक्तदान को भी अपना परम कर्तव्य मानते है, और जब भी किसी जरूरत मंद को रक्त की आवश्यकता होती है, दिन हो रात ठंड हो या गर्मी बिना किसी रोक के बेधड़क पहुंच जाते है रक्तदान करने।

 शुभम मेहता ने पहली बार उम्र छिपाकर किया था रक्तदान

खट्टाली निवासी व प्रोपर्टी ब्रोकर 30 साल के शुभम मेहता कहते हैं, कि वे 21 बार ब्लड डोनेट कर चुके हैं। पहली बार 17 साल की उम्र में ब्लड डोनेट किया था। तब अपनी उम्र को अधिक बताकर ब्लड डोनेट किया, क्योंकि 18 साल से कम उम्र वालों को ब्लड डोनेट करने की स्वीकृति नहीं हैं। उस वक्त किसी दोस्त के परिचित को ब्लड रक्त की सख्त जरूरत थी। कोई मिल नहीं रहा था तो बड़ोदा जाकर ब्लड डोनेट किया। तब से लगातार ब्लड डोनेट कर रहे है। जब भी ब्लड के लिए किसी का काल आता है, तो अस्पताल पहुंच जाते है। अपनों को खोया तो रक्तदान की महत्ता समझी। उसी दिन से मन में ठान लिया कि जब भी रक्त की जरूरत पड़ेगी, वह पीछे नहीं हटेंगे। खट्टाली में ऐसे कई महादानी हैं, जो औरों की जान बचाने के लिए 20 से 30 बार तक रक्तदान कर चुके हैं। ऐसे महादानियों से लोग सबक लें और रक्तदान जरूर करें।

भाई शुभम का कहना है…
दीजिए मौका अपने खून 🩸 को किसी की रगों में बहने का, यही लाजवाब तरीका है कई जिस्मों में जिंदा रहने का…

Leave A Reply

Your email address will not be published.