जिला चिकित्सालय संबंधी विभिन्न समस्याओं को लेकर तहसीलदार अजय पाठक को सौंपा ज्ञापन

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शिवा रावत, उमराली

 जिला चिकित्सालय में लंबे समय से मरीजों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अस्पताल में कई आवश्यक संसाधन जैसे डॉक्टर, टेक्नीशियन एवं अन्य स्वास्थ्य कर्मी तथा उपकरणों की कमी हैं। जिसके कारण मामूली रूप से बीमार मरीजों को भी अन्य बड़े शहरों व गुजरात जैसे राज्यों के निजी अस्पतालों में रेफर कर दिया जा रहा है। वहां जिले के गरीब अशिक्षित लोगों से मनमानी रकम वसूली जाती हैं। जिला अस्पताल में डॉक्टरों समेत कई अन्य स्वाथ्य कर्मियों की कमी है। यहां की जांच रिपोर्ट एवं उपकरणों पर स्वयं डॉक्टरों द्वारा मरीजों और उनके परिजनों के समक्ष अविश्वसनीयता व्यक्त की जाती है और जांच रिपोर्ट अन्य निजी लेब में करवाने की सलाह दी जाती है। यही रवैया वहां कि दवाईयों को लेकर अपनाया जाता है और इन्हें भी चुनिंदा निजी मेडिकलों से लेने की सलाह दे दी जाती हैं। यहां सोनोग्राफी मशीन पिछले कई महीने से बंद पड़ी थी,लेकिन जिले की कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा सोशल मीडिया पर मुद्दा बनाए जाने से अस्पताल प्रशासन हरकत में आया और उसे चालू किया गया था। लेकिन अभी भी वह नियमित संचालित नही हो रहा है। सीटी स्कैन मशीन अस्पताल में होते हुए भी बंद पड़ी हुई है। अस्पताल परिसर के अलग-अलग विभागों को जोड़ने वाला आरसीसी रोड भी नहीं है। जिससे कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
इस संबंध में अस्पताल प्रशासन को स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ताओं तथा मीडिया कर्मियों द्वारा समय-समय पर कई बार अवगत करा चुके है। परन्तु अस्पताल प्रशासन कोई ध्यान नहीं दे रहा था। अस्पताल प्रशासन के इस रवैया से स्थानीय लोगों एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं में नाराज़गी थी। जिसका एक उदाहरण बुधवार को देखने मिला। जहां जिले के कुछ सामाजिक कार्यकर्ता और स्थानीय लोग अस्पताल प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए कलेक्टर कार्यालय पहुंचे। जहां कलेक्टर के नाम तहसीलदार अजय पाठक को ज्ञापन दिया।

ज्ञापन में यह था

शासकीय जिला अस्पताल अलीराजपुर में लंबे समय से मरीजों को कई संसाधनों की कमी से विभिन्न समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। आज इसलिए हम लोगों को आपके समक्ष ज्ञापन प्रस्तुत करना पड़ रहा है। जिसमें अस्पताल के संबंध में निम्नलिखित समस्याएं/मांगें है-
1) जिला अस्पताल में अति आवश्यक संसाधन जैसे डॉक्टर टेक्नीशियन एवं अन्य स्वास्थ्य कर्मी तथा उपकरणों आदि की कमी के कारण मरीजों होने के बावजूद भी इनकी पूर्ति/व्यवस्था नहीं की जा रही है। कारणवश अन्य राज्यों जैसे गुजरात के निजी अस्पतालों में मरीजों को रेफर किया जा रहा है। इसलिए डॉक्टरों ,टेक्नीशियन,स्वास्थ्य कर्मियों एवं जरूरी उपकरणों की जल्द से जल्द व्यवस्था की जाए।

 जिला अस्पताल की जांच रिपोर्टों एवं उपकरणों पर डॉक्टरों द्वारा मरीजों एवं उनके परिजनों के समक्ष अविश्वसनीयता/संदेह व्यक्त किया जा रहा है,और डॉक्टरों द्वारा अन्य चुनिंदा निजी लेबों में जांच रिपोर्ट करवाने के लिए भेजा जा रहा है। संबंधित गुणवत्तापूर्ण उपकरणों की व्यवस्था की जाए।

 सोनोग्राफी मशीन पिछले कई महीनों से बंद पड़ी थी लेकिन कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा सोशल मीडिया पर मुद्दा उठाए जाने से अस्पताल प्रबंधन हरकत में आया और उसे नाममात्र के लिए चालू किया गया किंतु उसमें भी मोटा शुल्क (₹300) वसूला जा रहा हैं।शुल्क माफ कर नियमित सोनोग्राफी की जाए।

सीटी स्कैन मशीन अस्पताल में होने के बावजूद भी आज दिनांक तक उपयोग में नहीं लाया जा रहा है। सिटी स्कैन मशीन की उपयोगिता तुरंत शुरू की जाए।

 महिला प्रसूति में उपयोग आने वाले मेडिकल उपकरणों को भी डॉक्टरों द्वारा चुनिंदा निजी मेडिकलों से मंगवाए जा रहे हैं। साथ ही मिलने वाली गर्भवती व प्रसूति अनुदान भी समय पर भुगतान नहीं किया जा रहा है। संबंधित उपकरणों की अस्पताल में व्यवस्था की जाए और अनुदान समय पर भुगतान किया जाए।

ब्लड बैंक में अभी तक एक ही बेड उपलब्ध हैं। और टेक्नीशियन की भी कमी हैं। जिससे कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। साथ ही ब्लड शुल्क भी लिया जा रहा है। एक अतिरिक्त बेड,स्थानीय टेक्नीशियन तथा निशुल्क ब्लड दिया जाए।

 ब्लड वाहन एवं एम्बुलेंस को खुले आसमान में छोड़ दिया जा रहा है। जिससे वाहनों के कीमती उपकरण खराब हो रहे हैं। वाहन शेड के नीचे रखने की व्यवस्था की जाए।

पोस्टमार्टम रूम, भर्ती वार्ड शौचालय,अस्पताल चौकी समेत पूरे अस्पताल परिसर में आए दिन गंदगी देखने को मिल रही हैं। साफ-सफाई की समुचित व्यवस्था की जाए।

 अस्पताल परिसर में कैमरे व ट्यूब लाइट बंद पड़ी है। तुरंत शुरू किया जाए।

अस्पताल परिसर के अलग-अलग विभागों को जोड़ने वाले आरसीसी रोड नही होने से कई समस्याए उत्पन्न हो रही हैं। आरसीसी रोड का निर्माण किया जाए।

आपातकालीन सेवाएं समय पर सेवाएं नहीं दे पा रही है। शव वाहन सेवाओं में भी शुल्क लिया जा रहा है। आपातकालीन सेवाएं समय पर मिले और गरीब परिवारों को शव वाहन की निशुल्क सुविधा दी जाए।

ज्ञापन का वाचन सामाजिक कार्यकर्ता निरंजन सिंह पटेल ने किया और उन्होंने कहा कि उपयुक्त समस्याओं/मांगों का जल्द निराकरण नहीं किया गया तो हम लोग कलेक्टर कार्यालय परिसर में अनिश्चित काल के लिए हड़ताल करेंगे।

सरकार हर वर्ष हमारे अस्पताल पर करोड़ों रुपए खर्चा कर रही हैं लेकिन छोटी-छोटी सुविधाओं का अभाव~ सामाजिक कार्यकर्ता कादु सिंह डुडवे

इस अवसर पर वहां उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए सामाजिक कार्यकर्ता कादु सिंह डोडवे ने कहा कि हमारे जिले की सबसे बड़ी अस्पताल होने के करण सरकार हर वर्ष करोड़ों रुपए खर्चा कर रही है। इसके बावजूद भी कई छोटी-छोटी सुविधाओं का अभाव है। जिसके कारण हमारे जिले के लोगों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इस संबंध में हमने जिम्मेदारों को कई बार अवगत करा चुके हैं,परंतु कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इसलिए आज हमें शासन प्रशासन को इस प्रकार से अवगत कराना पड़ रहा है।

स्थानीय जनप्रतिनिधियों की स्वास्थ्य व्यवस्था के प्रति सुस्ती के कारण शासन-प्रशासन गंभीरता नही दिखता~ सामाजिक कार्यकर्ता संदीप वास्कले

सामाजिक कार्यकर्ता संदीप वास्कले ने कहा की हमारा जिला आदिवासी क्षेत्र है। साथ ही देश में सबसे कम शिक्षित लोग हैं। इसलिए यहां कई छोटी-छोटी बीमारियां घातक हो जाती हैं। और यहां के लोग आसानी से उसके शिकार हो जाते हैं। साथ ही सिकलसेल जैसी अनुवांशिक बीमारी का भी यहां अधिक प्रभाव है। ऐसे में यहां की स्वास्थ्य सेवाओं पर शासन-प्रशासन को विशेष ध्यान देना चाहिए। लेकिन यहां के स्थानीय जनप्रतिनिधियों की स्वास्थ्य व्यवस्था के प्रति सुस्ती के कारण शासन-प्रशासन स्वास्थ्य सेवाओं को गंभीरता से नहीं ले रहा है। इसलिए जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था केवल औपचारिकता पूर्ति चल रही है।

यह रहे उपस्थित

राधिया पड़ियार,दीपक कवछे,विक्रम चौहान,भारत बामनिया,हरीश चौहान,अंकेश चौहान,अमित जमरा, सज्जन पटेल,अरविंद,अर्जुन मेडा,दिनेश चौहान,आदि।

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