नवरात्रि के अवसर पर स्थापित घट व माता जी की मूर्तियों का विसर्जन

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मयंक विश्वकर्मा, आम्बुआ
आम्बुआ तथा आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में मां नव दुर्गा की आराधना का महापर्व आज दशमी के दिन माता जी की मूर्तियों तथा स्थापित “घट” एवं जवानों के विसर्जन के साथ समाप्त हुआ कोरोना गाइडलाइन के कारण बड़े आयोजन नहीं किए गए।शारदीय नवरात्रि जिसमें नौ दुर्गाओं यानी कि जगत जननी मां भवानी आदिशक्ति स्वरूपा नौ देवियों की आराधना का महापर्व जिसमें 9 दिनों तक माता भक्त विभिन्न तरह से माताजी की आराधना पूजा अर्चना करते हैं व्रत, तप, आराधना तथा यज्ञ के माध्यम से मातारानी को प्रसन्न करने का प्रयास किए जाते हैं। प्रथम नवरात्रि के दिन घटस्थापना जवारे तथा माताजी की मूर्ति स्थापना का विधान है 9 दिनों तक नवदुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की पूजा-अर्चना की जाती है साथ क्षेत्र में डांडिया (गरबा) का आयोजन भी किया जाता है इस बार शासन प्रशासन के कोरोना गाइडलाइन के पालन हेतु ना तो बड़े पांडाल और ना ही बड़ी झांकियां तैयार की गई रात्रि में कुछ घंटे तक गरबा खेलने की औपचारिकता का निर्वाहन किया।

विदा होती बारिश ने भी आयोजन में खलल डाली इसके बावजूद पर्व शांतिपूर्वक संपन्न हो गया। आज 15 अक्टूबर की सुबह घट तथा जवारे विसर्जन किए गए तदोपरांत अलग-अलग समूह में पहले मेलडी माता फिर बिजासन माता, अंबे माता मंदिर (टेकरी वाली माता) संकट मोचन हनुमान मंदिर क्षेत्र एवं शंकर मंदिर प्रांगण से कोरोना गाइडलाइन के तहत कम संख्या में श्रद्धालुओं की उपस्थिति में जुलूस के साथ हथनी नदी तट पर पूजा अर्चना तथा आरती के बाद क्षेत्र में सुख शांति एवं कोरोना के जल्दी समाप्त करने की प्रार्थना की गई सभी पंडालों के विसर्जन कार्यक्रम शाम के पूर्व संपन्न करा लिए गए।

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