राठौड समाज की सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा का हुआ समापन; सैकड़ो स्थाई सदस्य बने

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 जितेन्द्र वाणी@नानपुर 

राठौड समाज की धर्मशाला में पितृपक्ष में चल रही सात दिवसीय श्रीमद भागवत कथा का रविवार को समापन हुआ। भागवत कथा में चार वेद, पुराण, गीता एवं श्रीमद् भागवत महापुराण की व्याख्या, प्रभुपाद, पंडित दीपक उपाध्याय के मुखारबिंद से उपस्थित भक्तों ने श्रवण किया। विगत सात दिनों तक भगवान श्री कृष्ण जी के वात्सल्य प्रेम, असीम प्रेम के अलावा उनके द्वारा किए गए विभिन्न लीलाओं का वर्णन किया । इस धार्मिक अनुष्ठान के सातवें एवं अंतिम दिन भगवान श्री कृष्ण के सर्वोपरी लीला श्री रास लीला, मथुरा गमन, दुष्ट कंस राजा के अत्याचार से मुक्ति के लिए कंसबध, कुबजा उद्धार, रुक्मणी विवाह, शिशुपाल वध एवं सुदामा चरित्र का वर्णन कर भक्तों को भक्तिरस में डुबो दिया। इस दौरान भजन गायन ने उपस्थित लोगों को ताल एवं धुन पर नृत्य करने के लिए विवश कर दिया। पंडित उपाध्याय ने सुंदर समाज निर्माण के लिए गीता से कई उपदेश के माध्यम अपने को उस अनुरूप आचरण करने को कहा जो काम प्रेम के माध्यम से संभव है, वह हिंसा से संभव नहीं हो सकता है। समाज में कुछ लोग ही अच्छे कर्मों द्वारा सदैव चिर स्मरणीय होता है, इतिहास इसका साक्षी है।

राठौड़ समाज अध्यक्ष बंसीलाल राठौड़ ने बताया इस सात दिवसीय भागवत कथा का चल समारोह के साथ पूर्णाहुति की गई। सात दिनों तक भक्तों ने कथा का आनंद उठाया। सात दिनों तक कथा में पुरा वातावरण भक्तिमय रहा। मुख्य यजमान स्व. परसराम ऊँकारजी परिवार की तरफ से 84 पंच के लिए भोजन प्रसादी का आयोजन किया l जिसमे हिन्दू, मुस्लिम, बोहरा, ब्रह्मण, आदिवासी, वाणी, वर्मा और सर्वधर्म समाज ने प्रसाद ग्रहण कर पूण्य लाभ लिया l श्री वीर दुर्गादास राठौड़ श्रीमद भागवत समिति के कई सभी समाजजन ने स्थाई सदस्य बन कर लाभ लिया l जिसकी ब्याज राशि से हर वर्ष श्राद्धपक्ष में 18 पुराणों का आजीवन आयोजन किया जाएगा l जिसमे समाज के अलावा अन्य समाज ने भी भागेदारी दी l इस आयोजन में अलीराजपुर, जोबट, कुक्षी, बडवानी, पलसूद, निवाली, खट्टाली, आम्बुआ, डेहरी फूलमाल, छकतला, उमराली, वालपुर, डही, मनावर, सिंघाना आदि गांव के भक्तों ने आरती कर पूण्य लाभ लिया। इस आयोजन में समाज के दिनेश, शैलेष, मांगीलाल, रणछोड़, राधेश्याम, धनराज, जगदीश, सुनील, सचिन, संजय, मोतीलाल, संतोष, रविन्द्र, कमलेश, कालूराम, जयंतीलाल, जितेंद्र, डिंपू, अंकुश, गोलू, कान्हा आदि उपस्थित थे l साथ ही महिला शक्ति भी उपस्थित थी l भक्तों के बीच प्रसाद वितरण किया गया। मंच का सफल संचालन कैलाश राठौड़ और राजेश राठौड़ ने किया अंत मे आभार और कथा विश्राम का राकेश राठौड़ ने माना l

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