बढ़ते डेंगू के केस के दौरान सिविल अस्पताल थांदला में दो डॉक्टरों की हुई पदस्थापना

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रितेश गुप्ता, थांदला
दो स्पेशलिस्ट डॉक्टर थांदला सिविल अस्पताल में सप्ताह में तीन दिन अपनी सेवाए देंगे। जानकारी देते हुए बीएमओ डॉ अनिल राठौर ने बताया कि थांदला सिविल अस्पताल में इस समय वायरल फीवर का दौर चल रहा है ऐसे में यहाँ करीब 250 से 350 तक मरीज निरन्तर आ रहे है जिनमें बच्चे भी शामिल वही डॉ परस्तें के चले जाने से यहाँ शिशुरोग विशेषज्ञ का स्थान रिक्त पड़ा हुआ था वही आसपास के घाट सेक्शन व निरन्तर दुर्घटनाओं को देख कर एक अस्थिरोग (आर्थोपेडिक) विशेषज्ञ की भी निरन्तर मांग की जा रही थी जिसको लेकर जिला कलेक्टर सोमेश मिश्रा व सीएमएचओ डॉ. जयपालसिंह ठाकुर ने तात्कालिक निराकरण करते हुए डॉ. सन्दीप चौपड़ा (शिशुरोग विशेषज्ञ) एवं डॉ. सन्दीप ठाकुर (हड्डिरोग विशेषज्ञ) को सोमवार, मंगलवार व बुधवार इस तरह सप्ताह में तीन दिन के लिए थांदला सिविल अस्पताल में अपनी सेवाएं प्रदान करने के आदेश जारी किए है। थांदला आये दोनों ही डॉक्टर्स से भाजपा मंडल अध्यक्ष समर्थ (गोलू) उपाध्याय सहित समाज सेवियों ने स्वागत किया। इस दौरान भाजपा मंडल अध्यक्ष ने बताया कि अंचल के अस्पताल को डॉक्टर्स की सख्त जरूरत थी वही सप्ताह के तीन दिन आप दोनों के आ जाने से कुछ राहत अवश्य मिलेगी लेकिन हमारा प्रयास आपको व एक स्त्रीरोग विशेषज्ञ को भी पूरे समय के लिए लाने का रहेगा जिसको लेकर प्रभारी मंत्री, जिलाध्यक्ष एवं सांसद महोदय को भी अवगत करवा दिया गया है। इस दौरान हड्डिरोग विशेषज्ञ डॉ सन्दीप ठाकुर ने बताया कि सिविल अस्पताल को डिजिटल एक्सरे मशीन की भी अति आवश्यकता है जिसके आने पर ही दुर्घटनाओं व हड्डी से जुड़ी समस्याओं के लिए किसी भी प्रकार के ऑपरेशन के लिए यहाँ के मरीजों को बाहर नही जाना पड़ेगा क्योंकि संसाधनों के आभाव में डॉक्टर भी बेबस हो जाता है। महज तीन दिन में बच्चों की लंबी कतार को देख चुके शिशुरोग विशेषज्ञ डॉ सन्दीप चौपड़ा ने बताया कि वर्तमान समय वायरल इम्फेक्शन का है जो मच्छरों के काटने से फैल रहा है इसलिए बेहतर होगा कि कम से कम इस माह तो मच्छरदानी का उपयोग जरूर करें व आसपास गंदगी न होने दे, दवाई आदि का छिड़काव करते रहे तभी हम इससे बच सकते है। उन्होंने माना कि अंचल में कुछ बच्चों में डेंगू के लक्षण भी दिखाई दिए है जिनकी मोनिटरिंग की जा रही है। अंचल की समस्याओं के उचित समाधान के लिए एक विस्तृत चर्चा स्थानीय बीएमओ डॉ. अनिल राठौर से की गई वही उनसे भी एक बार पुनः एक्सरे मशीन व आवश्यक संसाधनों की सूची बनाकर जिला स्वास्थ्य अधिकारी को भिजवाने का कहा गया।

फोटो – बच्चों का इलाज करते डॉक्टर व चर्चा करते जनप्रतिनिधि
अपनी बारी का इंतजार करते रोगी

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