हाथी घोड़ा पालकी के उद्घोष से गूंजेगा चारभुजा धाम ; भगवान चारभुजानाथ कल छह स्वरूपों में देंगे दर्शन

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 विजय मालवी@बड़ी खट्टाली 

चारभूजा धाम खट्टाली में शुक्रवार को मनाया जा रहा डोल ग्यारस पर्व भगवान को अर्पण होगा 56 भोग व महाभोग। शुक्रवार 17 सितंबर को अलीराजपुर जिले के ग्राम बड़ी खट्टाली का नजारा कुछ अलग ही होगा।

चारभुजा धाम के नाम से क्षेत्र में प्रसिद्ध इस ग्राम में डोल ग्यारस पर्व का विशेष महत्व है। करीब 98 वर्ष पूर्व स्थापित श्री चारभुजा नाथ की प्रतिमा की वजह से इस ग्राम को चारभुजा धाम के नाम से भी जाना जाता है। श्री कृष्ण के स्वरूप चारभुजा जी के धाम में डोल ग्यारस जिसे जल झुलनी एकादशी भी कहते हैं।

इस दिन अलीराजपुर जिले के अलावा झाबुआ, धार, बड़वानी, इंदौर, रतलाम, खरगोन, जिले के अतिरिक्त समीप के गुजरात राज्य के पंचमहाल जिले के भी अधिकांश श्रद्धालु श्री चारभुजा ल को शीश नमाने खट्टाली पहुंचते हैं साथ ही कई मन्नत धारी भी पैदल यात्रा के रूप में खट्टाली पहुंचते हैं। इस वर्ष गुजरात राज्य के पंचमहाल जिले के लिमखेड़ा कस्बे से करीब 70 लोग पदयात्रा करते हुए चारभुजा धाम आ रहे हैं। जबकि अलीराजपुर, नानपुर से भी पग यात्री खट्टाली पहुंचेंगे।

इस आयोजन को देखते हुए प्रशासन भी व्यापक स्तर पर तैयारी करता है तथा पुलिस बल के साथ अन्य विभाग भी पूरे आयोजनों में श्रद्धालुओं को सहयोग करते नजर आते हैं।

चारभुजा धाम खट्टाली में डोल ग्यारस पर्व पर बनाने वाला स्पेशल प्रसाद श्री सांवरिया सेठ मंदिर राजस्थान से कारीगर आकर विशेष प्रसाद तैयार करते हैं। जिसे मठडी कहते हैं तथा इस प्रसाद का स्वाद भी अपने आप में काफी अद्भुत व अनूठा होता है। इस पर्व को धूमधाम से मनाने हेतु सर्व समाज के कार्यकर्ता अपनी मेहनत और लगन से जुड़े हुए हैं।

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