जनजाति विकास मंच ने जनजातीय अधिकारी कर्मचारी सम्मेलन आयोजित किया

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 विपुल पंचाल @झाबुआ

स्थानीय शारदा विद्या मंदिर में जनजाति विकास मंच झाबुआ का जिला स्तरीय जनजातीय अधिकारी कर्मचारी सम्मेलन का आयोजन हुआ। जिसमें जनजातीय समाज के समस्त संवैधानिक अधिकारों का गहन संवाद हुआ।
जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में डाक्टर मिलिंद जी दांडेकर मुख्य रूप से उपस्थित हुए, जिसमें उन्होंने जनजातीय समुदाय के संवैधानिक अधिकारों और भारत के जनजाति समुदाय के प्रति विदेशों का विचार एवं भारत की विशेषता आदि विषयों पर जोर देते हुए कहा कि जनजातीय समुदाय को जिसने देखा वैसा नाम दे दिया लेकिन ऐसा नहीं है भारत में जनजाति समाज स्वाभिमानी समाज के रूप में स्थापित है और रहेगा जनजाति समुदाय में जो स्वतंत्रता सेनानी हुए हैं और जो समाजसेवी हुए हैं वे अद्वितीय है।

उसमें बिरसा मुंडा हो, टंट्या भील हो रानी दुर्गावती हो आदि अनेकों स्वतंत्रता सेनानी है जिन्होंने जनजाति समाज की पहचान देश और दुनिया में दिलाई है।

9 अगस्त विश्व आदिवासी दिवस को लेकर के भी उन्होंने अपनी बात रखी और कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा वर्ल्ड इंडिजिनियस डे घोषित भारत में लागू नहीं होता है, क्योंकि भारत की सुप्रीम कोर्ट में इसको अस्वीकार किया है और भारत के प्रतिनिधि जो थे उन्होंने भी और अस्वीकार किया है।
जनजाति समाज को भ्रमित करने के लिए वैश्विक षड्यंत्र चल रहा है जिसमें हम सभी जिम्मेदार शिक्षित लोगों का कर्तव्य है कि इस भ्रम से बचें और समाज को सही दिशा की ओर अग्रसर करें। उन्होंने पेसा एक्ट, वनाअधिकार कानून, 5वीं, 6वीं अनुसूची के संबंध में भी विस्तृत संवाद किया और उन्होंने मार्गदर्शन दिया।

इस वक्त जनजातीय कार्य के प्रांत पालक श्री रूपसिंह नागर भी उपस्थित हुए, उन्होंने जनजाति समुदाय की शिक्षा पर जोर देते हुए कहा कि जनजातीय अधिकारी कर्मचारियों को अपने समाज में विस्तृत रूप से शिक्षा का प्रचार प्रसार करना चाहिए और जागरूकता फैलाना चाहिए ताकि हमारा देश हमारा समाज शिक्षित हो और भारत की प्रगति पर अपनी भूमिका अदा हो।

जनजाति कार्य के रतलाम विभाग पालक  राजेश डावर ने भी अपने संबोधन में कहा कि हमारी जनजाति परंपरा एवं संस्कृति और रीति रिवाज हमें सनातनी होने का प्रमाण देती है वर्षों से हमारा जनजाति समाज गांव की खेड़ा देवी बाबा हनुमान सावन माता और अनेकों ऐसी परंपराएं हैं नवाई, मांडलू, जातर, सलावणी आदि कार्यक्रमों को करके हमारे सनातन परंपरा को सुरक्षित रखने का कार्य जनजाति समाज शुरू से करता आया है,

यह किसी बाहरी व्यक्ति ने हमारे समाज को नहीं सिखाया बल्कि हमारे पूर्वज करते आए हैं।
वर्तमान में हमारे जनजाति समाज को कुछ वैश्विक षड्यंत्र के माध्यम से लोग गुमराह कर रहे हैं और हिंदू ना होना बता रहे हैं जो हमारे समाज को पहचान मिटाने हैं का षड्यंत्र है।

इस जनजाति अधिकारी कर्मचारी सम्मेलन में उपस्थित दीवान भूरिया संजय मखोड़, जवानसिंह बारिया धूलसिंह निनामा,शंकर सिंह बामनिया, मगनसिंह कटारा, गुलसिंह भूरिया,उदय सिंह बिलवाल, कांतिलाल कामलिया कृष्ण सिंह गामड़, मदनसिंह वसुनिया,प्रताप सिंह चौहान धूमसिंह सिंगाड हेमचंद्र सिंगाड आदि कर्मचारी अधिकारी गण उपस्थित हुए।
इस वक्त जनजाति विकास मंच के संजय भाबर यशवंत बामनिया संजय सोलंकी अल्केश मेडा वालसिंह मसानिया शैलेंद्र सोलंकी आदि कार्यकर्ता गण उपस्थित हुए।आभार जनजाति विकास मंच के जिला पूर्णकालिक गौसिंह कटारा ने माना।

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