हिंदू युवा जनजाति संगठन ने प्रशासनिक स्थानांतरण पर जताया आभार 

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जितेन्द्र वाणी@नानपुर

 :राज सरकार ने हमारे जनजाति आदिवासी हितेषी होने का यह बहुत अच्छा उदाहरण दिया है। क्योंकि हाल ही में अलीराजपुर जिले में जो स्थानांतरण हुए हैं उनमें कई उच्च शिक्षित काबिल शिक्षक एवं शिक्षिकाएं हैं जिन्होंने, जिला मुख्यालय के आसपास कई बच्चों का भविष्य बनाया है और यह सब अलीराजपुर के आसपास के स्कूलों में वर्षों से शिक्षा दे रहे थे । अब काबिल और अच्छे उच्च शिक्षित शिक्षकों द्वारा जिला मुख्यालय से दूर आदिवासी ग्रामीण क्षेत्रों में जा कर आदिवासी बच्चों को अच्छी शिक्षा मिलेगी क्योंकि अपने ही समाज का शिक्षक अपने ही बच्चों का भविष्य सुधार कर नौकरी के साथ-साथ समाज सेवा करने का लाभ भी रोज उठा सकते हैं.

अलीराजपुर जिले में पति पत्नी दोनों सरकारी नोकरी है और दोनों मैं से जो जिले के आसपास ही है हिंदू युवा जनजाति संगठन यह मांग करता है की जिन पुरुषों को अपनी पत्नियों से दूर कर दिया है ।उन्हें भी समाज सेवा के लिए सपने शिक्षिका पत्नियों के आसपास स्थानांतरण किया जावे जिससे पति पत्नी अपना वैवाहिक जीवन यापन कर सके और शासन की गाइडलाइन पालन हो सके।

अलीराजपुर जिले में कई ग्रामीण स्कूल स्कूल शिक्षक विहीन थे और हमारे ग्रामीण क्षेत्र में सबसे ज्यादा शिक्षकों की जरूरत थी। जिसकी पूर्ति अलीराजपुर जिला मुख्यालय एवं नगर मुख्यालय में पदस्थ शिक्षकों के स्थानांतरण कर सरकार ने आदिवासी हितेषी होने का परिचय दिया।

आदिवासी बच्चों के भविष्य को दांव पर लगाकर जयस संगठन के लोगों द्वारा इस आदिवासी समाज हितेषी प्रशासनिक स्थानांतरण को निरस्त करवाने के लिए जिला प्रशासन पर प्रदर्शन की धमकी देखकर ब्लैकमेल किया जा रहा है। जयेश का यह विरोध समाज के बच्चों के भविष्य को नुकसान पहुंचाने एवं आदिवासी समाज को शिक्षा विहीन करने एवं बच्चों का जीवन अंधकारमय करने की साजिश है।

प्शासन अगर जयस जैसे असामाजिक संगठन के दबाव में यह स्थानांतरण रद्द करता है, तो हिंदू युवा जनजाति संगठन अपने समाज के भविष्य के लिए समाज के बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए अलीराजपुर जिले के प्रत्येक गांव के पटेल एवं प्रत्येक पंचायत के सरपंचों एवं जिले के प्रत्येक असली आदिवासी जनों के साथ मिलकर जिला प्रशासन को जिला कलेक्टर मैं तालाबंदी कर विरोध करेगा।

हिन्दू युवा जनजाति संगठन स्थानांतरित आदिवासी शिक्षक एवं शिक्षिकाओं को बहुत-बहुत शुभकामनाएं एवं बधाई देता है की आप सिर्फ साल में एक बार आदिवासी पारंपारिक कपड़े पहनकर नाच कर समाज सेवा करने के अलावा अब आप हर रोज अपने ग्रामीण आदिवासी परिजनों के साथ रहकर समाज सेवा करने का मौका मिलेगा।.

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