1 वर्ष तक की थी मजदूरी, आज रामबाई आरक्षक से पदौन्नति के बाद बनी प्रधान आरक्षक

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आरिफ हुसैन, चन्द्रशेखर आज़ाद नगर
ग्राम पंचयात बड़ी मिरियावाट में गरीब परिवार में जन्मी रामबाई की प्राथमिक शिक्षा गृहग्राम बड़ी मिरियावाट में हुई कक्षा 6 टी में प्रवेश के लिये 5 किलोमीटर दूर झिरन था और प्रतिदिन 5 किलोमीटर पैदल चलकर जाना पड़ता था। रामबाई की पढ़ाई शासकीय हाई सेकंडरी स्कूल झिरन से हुई एक समय ऐसा भी आया जब कक्षा 12 वी में पूरक आने के कारण पढ़ाई छोड़कर 1वर्ष तक गुजरात मे गुड़ बनाने वाली कम्पनी में मजदूरी की फिर उनके बड़े पापा केशरसिंह जमरा जो शिक्षक थे व काका हरिसिंह जमरा सरपंच थे उनके प्रेरित किया ततपश्चात 12 वी उत्तीण की। परिवार की बात की जाये तो पिताजी पदमसिंह जमरा व माता कृषक है सात भाई बहन में दूसरे नम्बर की है पिता कृषि कार्य करते है सुबह खेत मे काम करना फिर स्कूल जाना और स्कूल से आने के बाद फिर खेत व घर के काम मे लग जाना। प्रतिदिन पाँच किलोमीटर पैदल जाना और पांच किलोमीटर पैदल आना पढ़ाई के साथ-साथ गृह कार्य भी प्रतिदिन की दिनचर्या में था। अपनी पढ़ाई को आगे रखते हुए आजाद नगर के एक निजी स्कूल में शिक्षिका के रूप में 2 वर्ष तक कार्य किया। वर्ष 2008 में पुलिस विभाग के आरक्षक पद की भर्ती में परीक्षा में सफलता प्राप्त की और उसमें भी कई समस्याओं का सामना किया और ट्रेनिंग के बाद मध्यप्रदेश के धार जिले में नियुक्ति हुई। पहला पुलिस थाना कुक्षी बाद में गंधवानी, डही और वर्तमान में पुलिस चौकी निसरपुर में है आज उनकी आरक्षक से प्रधान आरक्षक के पद पर पदौन्नति हुई है। रामबाई ने नोकरी लगने के बाद उनके छोटे भाई बहन को पढ़ाई के लिए पूरा सहयोग किया दिनेश जमरा ने M.Sc किया है और वर्तमान में वह भी जेल प्रहरी है। अजमेर सिंह जमरा ने B.Sc किया है और वह भी पुलिस विभाग में सेवारत है। बहन सुशील जमरा ने भी B.Sc किया है और प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कर रही है। आज रामबाई जमरा की पदोन्नति से परिवार रिश्तेदार व ग्रामवासी बहुत ही खुश है। रामबाई ने बताया कि कोशिश करते रहो मेहनत का फल तो एक न एक दिन मिलता ही है।

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