मामा बालेश्वर दयाल की पुण्यतिथि पर हजारों जुटे अनुयायी

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9 6 7 बामनिया। प्रसिद्ध समाजवादी चिंतक स्वतंत्रा संग्राम सेनानी मामा बालेश्वर दयाल की 17वीं पुण्यतिथि पर आस्था का सैलाब उमड़ा जिसमें दूरदराज से मामाजी के अनुयायी जो कि उन्हें भगवान तुल्य मानते है। कोई पैदल तो कोई अपने निजी वाहनों से हजारों की संख्या में पहुंचे। जहां पर समाधि स्थल पर पहुंचकर जो उन्होंने मामा बालेश्वर दयाल के प्रति आस्था दिखाई वह आस्था जैसे कि वह भगवान को ही पूजा रहे हंै। हाथों में माला, अगरबत्ती, नारियल लिए ‘जब तक सूरज चांद रहेगा, मामजी का नाम रहेगा‘ का नारा लगाते है बड़ी आस्था से अपनी पूजन साम्रगी मामजी की सामाधि पर अर्पित की।यहां एक बड़ी देखने वाली बात यह थी कि न तो कोई इन्हें कतारबद्ध चलाने वाला था और ना ही कोई नियंत्रत करना वाला फिर भी सबकुछ ऐसे चल रहा था जैसे उन्हें कोई सुनियोजित तरीके से चला रहा है। यहीं तो है मामाजी के आदर्शो पर चलने की परंपरा ।
जदयू ने की अपनी राजनीतिक सभा
जदयू के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद यादव के नेतृत्व में समाधि स्थल के समीप एक सभा का आयोजन किया गया। जिसमें शरद यादव शामिल होने वाले थे किंतु स्वास्थ्य की खराबी के चलते नहीं आ पाएं। उन्होंने मोबाइल के माध्यम से सभा को संबोधित किया और यह कह दिया की मामाजी एक राजनीतिक व्यक्ति थे वह एमएलए एमपी बनाने का काम करते थे और आप लोगों को भी यही करना है और पार्टी को मजबूत बनाना है।
सभा को जदयू मप्र प्रदेश अध्यक्ष गोविंद यादव ने कहा कि हमें मामाजी के कदमों पर चलकर मामाजी की विचारधारा को जन-जन तक पहुंचाना है। मामाजी आदिवासियों के लिए मसीहा थे उन्होंने आदिवासी समाज के उत्थान के लिए कई लड़ाई लड़ी है। हमें उनकी इस बलिदान को व्यर्थ नहीं जाने देना है और उनके विचारों के साथ हमें पार्टी को मजबूत बनाना है। गुजरात से आए युवा जदयू के गुजरात प्रदेश के प्रमुख प्रफुल्ल वसावा ने भाजपा संघ व बजरंग दल को आड़े हाथो लेते हुए कहा कि अभी तक संघ भाजपा आदिवासियों का उपयोग करते आए है। हमे अब इनके बहकावे में नहीं आना है। हमें मामाजी के विचारों पर चलना है और जदयू को हर स्तर पर मजबूत बनाना है। सभा को जदयू के जिला प्रवक्ता सत्यनारायण शर्मा, फतेसिंह डामर, भेरूलाल डामर, हरिओम सूयवंषी, सुरेंद्र शर्मा, राजेंद्र अग्रवाल, तोलसिंह भूरिया आदि ने भी संबोधित किया। सभा का संचालन जदयू के प्रदेष अध्यक्ष गोविंद यादव ने किया। आभार बांसवाड़ा जिलाध्यक्ष मालती बाई ने माना। मामाजी की 17वीं पुण्यतिथि पर कहा कि मामाजी के नाम पर 7वी पुस्तक ‘आदिवासियों के मसीहा‘ का विमोचन किया गया। जिसमें क्रांति कुमार वैद्य, मालतीदेवी की उपस्थिती में किया गया। पत्रकारों से चर्चा में समाजवादी नेता डाॅ. सुनीलम ने कहा कि मामाजी मन, वचन, कर्म से सच्चे समजावादी चिंतक थे। उनसे जय प्रकाश नारायण, राम मनोहर लौहिया, जार्ज फर्नाडिस, राज नारायण जैसी हस्तीयों मार्गदर्षन लेती थी। मामजी कहा करते थे कि पढ़े लिखे लोगांे को अनपढ़ लोगों के लिए खाद् बनकर काम करना है। मामाजी को किसी पार्टी में नहीं बांधा जना चाहिए। वह केवल समाजवादियों के नहीं देष के जनता के शोषण से बचाना चाहते थे। इनके साथ राजेष वैरागी, गणपत पाटीदार, पंूजा भगत, राजस्थान से आए रितुराज दीक्षित, निवाडी कला से आई से प्राची दीक्षित आदि साथ उपस्थित थे।

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