बोहरा एवं मुस्लिम समाज ने कोरोना नियमों तहत ईद मनाई; बच्चो में रहा उत्साह …

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मयंक विश्वकर्मा@ आम्बुआ

बकरीद या ईदुलज्जुहा त्योहार जिसमें बकरों की कुर्बानी देने की रवायत है यह त्यौहार क्षेत्र में बोहरा तथा मुस्लिम जमात में अलग-अलग दिनों में मनाया जाता है इस वर्ष भी यह परंपरा कायम रही मगर कोरोना के कारण धूमधाम नजर नहीं आई।

इस्लाम धर्म में कुर्बानी का बड़ा महत्व है जो कि बकरीद पर वर्ष में एक बार दी जाती है कुर्बानी के पूर्व बकरों को विशेष रूप से सजाया जाता है अधिकांश धर्मावलंबी कुर्बानी के लिए स्वयं बकरे पालते हैं तथा उन्हें बड़े लाड प्यार से बड़ा करते हैं तथा बकरीद के दिन उनकी कुर्बानी देते हैं इस्लाम को मानने वाले बोहरा एवं मुस्लिम जमात में अलग-अलग दिनों में कुर्बानी की जाती है आम्बुआ में सोमवार 19 जुलाई को बोहरा जमात ने तो 21 जुलाई को मुस्लिम जमात ने बकरों की कुर्बानी दी उसके पूर्व कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए नमाज अता की तथा मुबारकबाद दी। कोरोना के कारण अधिक धूमधाम जरूर नहीं रही मगर त्यौहार मनाने की परंपरा का निर्वहन जरूर किया गया।

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