बारिश की खेंच से किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें, अंकुरित फसलें हुई खराब

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बुरहान बंगडवाला, खरडूबड़ी

रामा ब्लॉक के खरडू बड़ी के समेत आस पास के गांवों में बारिश की लम्बे खेच के चलते बोवनी कर चुके किसानों की फसलें सुख जाने की कगार पर है। इधर तेज गर्मी से लोग हलाकान है।
दम तोड़ती फसलो को तत्काल बारिश की सख्त दरकार है।इसके साथ ही बचे हुए कृषक खरीफ फसलों की बोवनी के लिए आसमान पर टकटकी लगाए हुए है।
नातो नदियों में पानी है नही नहरों में इससे की किसान अपनी फसलो को बचा सके यदि नदियों में पानी होता तो किसान खेतो में पानी घुमा कर अपनी फसले बचा पाते लेकिन इनके पास अब बस इंद्रदेव का ही सहारा है जो बरस जाए तो फसल बच जाए।
मानसून के चालू सत्र में ही 40 से 50 फीसदी लोगो ने खेतो में कपास, सोयाबीन, मक्का की बोवनी कर दी थी। चालू मानसून सत्र में किसानों की उम्मीदों पर बारिश की बेरुखी ने पानी फेर दिया।लोगो की बोई हुई फसलो को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।यदि 1 से 2 दिन में बारिश नही होती तो किसानों की मेहनत ओर उम्मीदों पर पानी फिर जाएगा।
आदिवासी बाहुल्य रामा ब्लॉक में इस साल अभी तक जून माह से लगातार जुलाई पहले सप्ताह तक मे अल्प वर्षा के चलते किसानों के चेहरे पर चिंता की लकीरें खिंच गई है।इसके साथ ही गर्मी से आमजन बुरा हाल है।जैसे कि सुबह से ऐसा लगता है आज इन्द्र देव महेरबान होगा जिसके बाद दोपहर को शखत गमी होती है जिसके बाद किसानों चिंता में गिर जाता है अब सिर्फ इन्द्र देव ही किसानों की फसलों को नया मोड़ दे शकते है
किसानों का कहना है कि पहले सत्र में अच्छा मानसून होने से हमे उम्मीद थी कि इस साल अच्छी बारिश होगी जिसके चलते हमने कपास, सोयाबीन, मक्का जैसे फसलो की बोवनी कर दी थी लेकिन अब इंद्रदेव बारिश ही नही कर रहा है जिससे हमारी फसले सुख रही है पहले से ही इस कोरोना महामारी ने किसानों को बर्बाद कर दिया और अब बारिश ने भी किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है इस साल सोयाबीन का भी बीज बाजार से 8 से 12 हजार कुंटल ला कर किसानों ने बोया की अच्छी बारिश होगी तो किसानों को अच्छा मुनाफा होगा लेकिन अब बारिश नही होने से हमे चिंता है कि हम हमारा घर बार कैसे चलाएंगे ओर सोसायटी एवं सहुकार के बीजो का पैसा केसे चुका पाएंगे.

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