अनुकरणीय पहल-विकलांग युवक कोरोना बचाव से जनता को जागरूक करने स्वयंसेवक की टीम गठित कर दे रहा संदेश

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 ( रितेश गुप्ता ) थांदला

जब कभी भी समूल मानव जाति पर कोई विकराल आपदा आती है और संपूर्ण मानवता उससे पीडित होती है तो यह अक्सर देखने में आता है कि उसी मानव जाति से कुछ ऐसे व्यक्ति निकल कर सामने आते हैं जो सच्चे अर्थो में स्वयंसेवक के रूप में मानवता की सेवा कर समाज में एक सकारात्मक वातावरण को निर्मित कर मानवता में लोगों का विश्वास कायम रखते हैं।

विकलांग युवक कर रहा समाज को खड़ा

ऐसा ही एक उदाहरण कोरोना काल में निकलकर आया है रामकिशन मेहसन का । म.प्र. जन अभियान परिषद से जुड़े रामकिशन झाबुआ जिले के पेटलावद विकासखण्ड‍ के ग्राम रायपुरिया के निवासी हैं । रामकिशन ने परिषद की विभिन्न योजनाओं यथा प्रस्फुटन समिति, नवांकुर संस्था और मुख्यमंत्री सामुदायिक नेतृत्व क्षमता विकास पाठ्यक्रम से जुड़कर समग्र ग्राम विकास और सामुदायिक नेतृत्व क्षमता विकास हेतु स्थानीय ग्रामवासियों को जोड़कर एक सामाजिक टीम के माध्यम से प्रतिबद्ध सामाजिक प्रयासों की श्रृंखला स्थापित की। महत्वपूर्ण यह है कि रामकिशन स्वयं एक पैर से विकलांग होने के बावजूद समाज को खड़ा रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं ।

कोरोना से बचाव हेतु स्वयंसेवक की टीम खड़ी की

वर्तमान में कोरोना काल के दौरान जब चारों ओर से कोरोना की महामारी ने समाज को घेर लिया और चहुंओर हाहाकार मच गया तब राममिशन ने इससे पीड़ित मानवता की सहायता के लिए अपना योगदान देने के लिए कमर कस ली । उन्होंने सर्वप्रथम अपने से जुड़े समिति, संस्था के सदस्यों एवं पाठ्यक्रम के विद्याथि‍यों से आग्रह कर इस महामारी में स्वसयंसेवक की भूमिका का निर्वहन करने का आग्रह किया ततपश्चात प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री के आव्हान पर अपने साथियों सहित स्वयं को परिषद के माध्यम से कोरोना वालेंटियर के रूप में पंजीकृत कराया ।

दीवारों पर लेखन व पेम्पलेट से दिया सकारात्मक संदेश

कोरोना वालेंटियर के रूप में रामकिशन ने स्थानीय सहयोगियों के माध्ययम से कोरोना से बचाव की दिशा में ग्राम की दीवारों पर मास्क व सैनिटाईजर के उपयोग, सोशल डिस्टेंसिंग, जनता कर्फ्यू के पालन, बार-बार हाथ धोने, स्वच्छता बनाकर रखने, टीकाकरण करवाने के संबंध में दीवार लेखन और पेम्लेट्स वितरण करने व चिपकाने का कार्य प्रारंभ किया । इस अनुक्रम में उन्होंने ग्राम की लगभग 60 दिवारों पर लेखन कार्य किया और 500 पेंप्लेटस का वितरण किया और ग्राम की दीवारों पर 100 पेंप्लेटस चिपकाए।

घर पर मास्क निर्माण कर किये गरीबो को वितरण

इस दौरान जब उन्होंने देखा कि कई वंचित और गरीब लोग मास्क नहीं खरीद पा रहे हैं तो उन्हें स्वयं ही मास्क‍ बनाकर वितरित करने को निश्चय किया और इस हेतु उन्होंने घर पर 500 मास्क का निर्माण कर स्वयं एवं अपने साथियों के साथ जरूरतमंद ग्रामीणों को निशुल्क वितरण किया । इस कार्य से प्रभावित होकर कुछ समाजसेवीयों और परिषद के माध्यम से शासन के कुछ विभागों ने उन्हें 1500 मास्क उपलब्ध करवाए जिनका वितरण उन्होंने अपने सहयोगियों के साथ जरूरतमंदो को डोर टू डोर जाकर किया।

*ग्रामीणों को टीकाकरण हेतु किया प्रेरित*

इस दौरान उन्होंने ग्रामीणों को टीकाकरण के प्रति व्याप्त भ्रांतियों के निर्मूलन के लिए भी समझाईश दी और टीकाकरण के लिए प्रेरित कर 15 ग्रामीणों को टीकाकरण केन्द्र पहुंचाया ।

*बिना मास्क गाँव मे प्रवेश पर लगाई पाबन्दी*

जनता कर्फ्यू के दौरान रामकिशन ने अपने सहयोगियों और ग्रामीणों की मदद से ग्राम में बिना मास्क प्रवेश के निषेध के लिए नाकेबंदी की, ग्राम के समस्त प्रवेश मार्गो पर मास्क के उपयोग और जनता कर्फ्यू के पालन के लिए जागरूकता लेखन किया तथा अनावश्यक घरों से बाहर निकलने वालों को समझाईश देकर उन्हें पुन: घरों में पहुंचाया ।

*आवश्यक सामग्री की घर पहुच सेवा शरू की*

समस्त ग्रामीणों से आग्रह किया कि आवश्यक सामग्री हेतु सभी घरों से व्यक्ति बाहर न निकले। इस हेतु उन्होंने दिन तय कर पृथक पृथक दिन हेतु एक प्रभारी बनाकर घरों से आवश्यक सामग्री की मांग एकत्रित कर उसकी आपूर्ति उननके घरों में ही करने की व्यरवस्‍था बनाई । इस प्रकार जनता कफर्यू को प्रभावी बनाने में महत्व पूर्ण योगदान दिया।

*ग्रामीणों में जागरूकता लाने में यह रहे सहयोगी*

रामकिेशन अपने सहयोगियों रवि निनामा, दिलीप भूरिया, राधेश्याम, जितेन्द्र खराड़ी, राजेश सोलंकी, पवन सोलंकी, रामेश्वरर पाटिदार, अनिल पाटिदार, कांजि पाटिदार, महेश पाटिदार आदि के साथ डोर टू डोर जाकर लोगों में कोरोना के प्रति जन जागरण लाने के लिए सतत कार्य रहे हैं ।

*रामकिशन की टीम को बधाई*

विकलांग युवक रामकिशन भले ही आर्थिक रूप से कमजोर होकर कोरोनाग्रस्त लोगो की सेवा का दायित्व पूरा नही कर सका परन्तु उन्होंने कोरोना को रोकने व कोरोना से बचाव के लिए तन व मन से सेवा कार्य करने के लिए जिस तरह अपने साथियों को जोड़कर टीम गठित कर अपनी जान की परवाह न करते हुए योजनाबद्ध रूप से जो कार्य किया है वह एक मिशाल बन रहा है । अगर हर क्षेत्र के युवा रामकिशन की तर्ज पर एकजुट होकर टीम के माध्यम से ऐसा कार्य करे तो “कोरोना महामारी” को जड़ से समूल नष्ट कर सकते है । रामकिशन को सेल्यूट व पूरी टीम के सदस्यों को बधाई……

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