आगे न पीछे हम सभी लोग कभी न कभी कोरोना से संक्रमित होंगे ये बात हमे स्वीकार कर लेनी चाहिए : डॉ. यश तलेरा 

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 रितेश गुप्ता @ थांदला

थांदला के युवा डॉक्टर यश तलेरा, बीते 1 वर्ष से इंदौर के एमजीएम हॉस्पिटल में कोविड के मरीजों को अपनी सेवाएं दे रहे हैं। डॉक्टर यश ने अपना कॉविड अनुभव साझा करते हुए बताया कि बात सुनने में बड़ी नेगटिव लग रही है लेकिन मैं आपको बताना चाहता हूँ कि अगर आप यह बात स्वीकार कर लेते है तो हम हमारे स्वास्थ्य को लेकर सावधान हो जाएंगे । वैक्सीन भी लगवाएंगे ओर जैसे ही कोरोना के कुछ लक्षण सामने आते है तो वह उन लक्षणों को अनदेखा न करते हुए तुरन्त कोरोना की जांच करवाएंगे न कि अपने हिसाब से या किसी ओर से पूछ कर या व्हाट्सएप्प के माध्यम से आये इलाज वाले मेसेज से अपना स्वयं इलाज नही करेंगे। पूरी महामारी में सबसे कीमती चीज है वो है समय रहते बीमारी को पकड़ना ओर उसका उचित इलाज करना । हम सब लोगो ने हमारे कई सारे प्रियजन को खो दिया है। अब हम किसी ओर को खोना नही चाहते है इसलिए हम सब को एकजुट होना है और लापरवाही नही बरतनी है । अब हम बात करते है जैसे ही हमे लक्षण आते है वैसे ही हम कोरोना की जांच कराए इससे हम शीघ्र मालूम कर पाएंगे और होम आइसोलेशन मैं ही अपना इलाज करवा कर जल्द ही ठीक हो जाएंगे ।
सबसे पहले जिनको थोड़े से लक्षण आते ही कोरोना पॉजिटिव आ जाता है वो माइल्ड सिमटम्मस वाला ट्रीटमेंट किसी जानकार कोरोना सम्बंधित डॉक्टर से लिखवा कर लेवे ओर होम आइसोलेशन में रहे लेकिन साथ में आपको ध्यान रखना है कि आप हर तीसरे दिन सी आर पी , सी बी सी , डी डायमार की जांच करवाएंगे जिससे आपको समझ आएगा कि आप जो ट्रीटमेंट ले रहे है उससे यह कम हो रहा है या नही अगर रिपोर्ट नार्मल आ रही है तो जो आपका ईलाज चल रहा है वो सही है आप उसको पूरा खत्म करें।

लेकिन आपकी रिपोर्ट मैं सी आर पी पहले से बढा हुआ आ रहा है, या बाकी रिपोर्ट मैं गड़बड़ आ रही है तो आप सावधान हो जाये तुरन्त आपके डॉक्टर को दिखाए ताकि रिपोर्ट के हिसाब से डॉक्टर आपके इलाज ।में परिवर्तन करेंगे ( कुछ दवाई जोड़ेंगे ओर कुछ का डॉज बढ़ाएंगे ) उसके 2-3 दिन बाद फिर से ब्लड रिपोर्ट करवा कर देखेंगे अगर वो नार्मल आती है तो वही इलाज आगे चलेगा ओर नही आती है तो फिर इलाज मैं थोड़ा बदलाव करेंगे ।

क्लिंकल आपको कोई सांस में तकलीफ नही है ओर रिपार्ट नार्मल हो रही है तो घबराने की बात नही आप घर पर ही ठीक हो जाएंगे । लेकिन आपकी रिपोर्ट में गड़बड़ आती है पहले से तकलीफ बढ़ती है तो आप उसी वक्त डॉक्टर को दिखा कर आगे की पिछली जाच के साथ में दूसरी जाच जैसे सिटी स्कैन,आई एल पी 6 , पी सी टी करवाएंगे ओर डॉक्टर के कहने पर आगे का निर्णय लें ओर बेड भर्ती हो जाये ।
भर्ती होने पर भी बात खत्म नही होगी , यह बात भी समझ ले कि रेमेडेस्विर के 5 डोज लगने पर भी यह नही माने की अब बिल्कुल स्वस्थ हो जाएंगे। आपको हर 3 दिन मैं अपनी ब्लड रिपोर्ट करवा कर ये सुनिश्चित करना होगा की जो आपका इलाज चालू हुआ है उससे रिपोर्ट मैं पहले से कमी आ रही है या रिपार्ट सामान्य होती जा रही है तो फिर आप बेफिक्र रहे और अपना इलाज जैसा है वैसा चलने दीजिये । लेकिन अस्पताल मे भर्ती होने के बाद इलाज शुरू होने के बाद भेजे ब्लड रिपोर्ट्स मैं पहले से ज्यादा गड़बड़ आ रही है तो फिर डॉक्टर इलाज में बदलाव करेंगे दुबारा कुछ दवा बदलेंगे ओर कुछ का डोज चेंज करेंगे उसके बाद 2 दिन बाद फिर से ब्लड रिपोर्ट करवाये ओर देखिये की रिपोर्ट नार्मल की तरफ जा रही है या नही ।
अगर फिर गड़बड़ आ रही है मरीज की स्थिति बिगड़ती जा रही है ,मरीज का ऑक्सिजन कम होता जा रहा है , वेंटिलेटर की भी जरूरत पड़ रही हो तो फिर उनका इलाज ओर आई सी यू क्रिटिकल केयर की गाइडलाइन के हिसाब से होगा । आपको उस समय धैर्य रखना होगा और अपने मरीज को पोजिटिव कॉउंसलिंग करनी होगी समझना होगा ,कि बाईपाप मास्क को हटाए नही , घबराए नही जो इलाज चल रहा है। उससे धीरे धीरे इंफ्लामेशन कम होगा ऑक्सिजन लेवल इम्प्रूव होगा , वेंटीलेटर हटेगा धीरे धीरे स्वस्थ होंगे । साथ 14 दिन की क्रिटीकल समय सीमा को लड़कर जितना है ओर कोरोना को हराना है और मजबूत बने रहना है ।
डॉ यश ने कोविड में अपनी सेवाएं देते हुए, थांदला नगर वासियों एवं आसपास के लोगों की फोन पर भी कई बार मदद की साथ ही कई गंभीर मरीजों को भी बेड वो ऑक्सीजन ना मिल पाने की स्थिति में अपनी ओर से पूरे प्रयास कर उन्हें आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध करवाई। डॉ यश के इस सेवा भाव को देखते हुए नगर के सभी गणमान्य नागरिकों, जनप्रतिनिधियों एवं समाजसेवियों ने उनके कार्य की जमकर सराहना की।

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