शेरे आर्य भूमि श्रीमद भागवत कथा में जनसमुदाय से बोले-तुलसी की माला गले में धारण कर, खतरो से बचे

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राहुल राठौड़, जामली
श्रीमद् भागवत कथा चौथे दिन कृष्ण जन्मोत्सव मनाया गया। इस दौरान गांव जामली के खेल ग्राउंड में जैसे ही वासुदेव भगवान कृष्ण को एक टोकरी में लेकर आए पूरे पांडाल में नंद के घर आनंद भयो जय कन्हैया लाल की से गूंज उठा सभी ने भगवान के जन्म पर एक दूसरे को बधाइयां दी। वहीं ढोल नगाड़ों के साथ पुष्प वर्षा की ओर उसके बाद माखन मिश्री वितरित कर हल्दी लगाई गइ। इस अवसर पर शेरे आर्य भूमि पंडित कमल किशोर जी नागर ने कहा कि आजकल लोग तुलसी की माला गले में पहनने पर परहेज करते हैं जबकि दूसरी चीजें अपने गले में धारण कर लेते हैं। क्योंकि वह उनकी शोभा बढ़ाती जबकि होना यह चाहिए कि गले में तुलसी की माला पहने हुई रहती है तो कई खतरों को टाला जा सकता है, मौत तो निश्चित ही है लेकिन ऊपर वाले से यह कामना करनी चाहिए कि मुझे सदबुद्धि देना ताकि अंतिम समय में प्रभु का नाम जब सकूं। उन्होंने कहा कि घर आंगन में तुलसी का पौधा बहुत जरूरी है, अगर तुलसी का पौधा है तो यम भी उस घर आंगन में नहीं आते हैं। इसलिए अपने घर आंगन में तुलसी का पौधा लगाना चाहिए। वही क्षेत्र के आदिवासी भाइयों से कहा कि चाहे कितना भी लोग तुम्हें पैसा दे कभी भी धर्म परिवर्तन मत करना हमेशा प्रभु के संपर्क में रहना चाहिए। प्रतिदिन भगवान के प्रति माला व भजन करना चाहिए ताकि प्रभु की कृपा हमेशा अपने पर बनी रहे। पूरा पांडाल आज कृष्ण जन्मोत्सव मनाने के लिए खचाखच भरा हुआ था। जब भगवान कृष्ण के जन्म उत्सव मनाया जा रहा था तो आसमान पर बादल भी काले काले हो गए थे। ऐसा लग रहा था कि भगवान की कृपा हो गई हो सभी नाच गान कर रहे थे भजनों पर थिरकते नजर आ रहे थे। प्रतिदिन बाहर से आए हुए श्रद्धालुओं को भोजन प्रसादी कराई जा रही है जो वहां पर रात्रि में सैकड़ों श्रद्धालु वहीं पर रुकते हैं उनके लिए निशुल्क व्यवस्था की जा रही है।

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