शाम होते ही मवेशियों के झुंड चौराहे पर, आखिर क्यों मौन है जिम्मेदार ?सड़को पर मवेशियों का जमावड़ा बना सिरदर्द,हादसे का आंदेशा

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रायपुरिया लवेश स्वर्णकार 

ग्राम में आवारा कहे या पालतू लेकिन इस तरह के मवेशियों की बढ़ती संख्या लोगो के लिए अब सिरदर्द और उनकी जान को खतरा बन रही है बावजूद जिम्मेदार अधिकारियों ने आंखों पर पट्टी बांध रखी है दरअसल शाम होते ही मवेशियों का झुंड रायपुरिया में निकल पड़ता है मवेशियों के इस झुंड से राहगीर,दुकानदार,किसान इतने परेशान है की उनकी पीड़ा को देखकर यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि यहां कोई देखने सुनने वाला है भी या नही ? दअरसल मवेशियों के इन झुंडों के चौराहे पर इस तरह से बैठने से दुर्घटना का कितना भय रहता होगा यह फोटो में स्पष्ट देखा जा सकता है झाबुआ चौराहे से गुजरने वाले चारो मार्ग पर स्थित दुकानदार इन मवेशियों के मलमूत्र की गंदगी से बेहद परेशान हो चुके है रायपुरिया का “हृदय स्थल” कहलाने वाले झाबुआ चौराहे कि शान को यह मवेशी रोजाना शाम को चार चांद लगा रहे है। इनके यहां इस तरह सड़को पर बेखोफ बैठने से महसूस किया जा सकता है कि रात के समय इन मवेशियों के अलावा चौराहे पर दूसरा कोई मौजूद नही रहता होगा ? मवेशियों का सड़कों पर जमावड़ा बहोत कुछ कह रहा है मवेशियों के इन झुंड से आसपास के किसान भी परेशान है रात में यह झुड के झुंड किसी के भी खेत में घुसकर फसल को भी नुकसान पहुचा देते है इन मवेशियों के मलमूत्र से परेशान दुकानदार की पीड़ा को देखने सुनने वाला कोई नही है । सड़क पर बैठे इन बेखोफ मवेशी की वजह से किसी के साथ हादसा हुवा तो जिम्मेदार को जवाब देना भारी पड़ेगा हालांकि किसी की जान की कोई कीमत नही होती है लेकिन हादसे पर मुआवजा राशि जिम्मेदार अधिकारियों की जेब से दिलाई जाए तो उनकी आंखें खुल सकती है ?

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