रायपुरिया पहुँची किसानो की ट्रेक्टर रैली किसान बोले शांतिपूर्वक रैली के जरिए किसानों के हितों की कर रहे मांग नही मानने पर आंदोलन, घेराव, चक्काजाम की चेतावनी

2 सितंबर को समस्त किसानों से पेटलावाद तहसील कार्यालय इकट्ठा होने की अपील की जा रही

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लवेश स्वर्णकार, रायपुरिया

किसान अपने फसल के उचित दामों के लिए सड़कों पर उतर आया है। किसानों ने आज रायपुरिया के हॉट बाजार वाले दिन ट्रेक्टर रैली निकाली वो सोयाबीन की फसल का 6 से 8 हजार रुपए में खरीदने की मांग शान्तिपूर्वक रैली के जरिए कर रहे है भारतीय किसान यूनियन के जितेंद्र पाटीदार ने कहा कि हम किसान की फसल के उचित दाम मिले इसके लिए संघर्ष कर रहे है किसानों के हक की बात कर रहे है इसलिए समस्त किसान हमारे साथ आए और समर्थन करे क्योकि जब हम किसान जागेंगे तभी सरकार में बैठे मंत्रियों को जगाएंगे। उन्होंने कहा कि अभी यह शांतिपूर्ण रैली है किसानों की मांग नही मानी जाती है तो आंदोलन चक्काजाम तथा सरकार का घेराव भी करेंगे यह हम करना नही चाहते लेकिन सरकार किसानों को मजबूर कर रही है। भारतीय किसान यूनियन संघ के जिलाध्यक्ष महेंद्र हामड ने कहा कि किसानों की सोयाबीन की फसल का दाम 6 हजार करने की मांग है अभी दाम बहोत निचले स्तर पर है हमारी लागत भी नही निकल पा रही है हमने मोदी जी को मध्यप्रदेश से 29 में से 29 सीट दी उसके बाद भी किसानों की सुनने वाला कोई नही है मेरा संगठन किसी राजनीति से जुड़ा नही है नही में जीवन मे कभी राजनीति करूंगा में किसानो से आग्रह करता हु की वो भले मेरा अध्यक्ष पद भी रख ले लेकिन किसानों का सहयोग करे हमारी मांग जायज है किसान कंधे से कंधा मिलाकर सहयोग करे हम घर मे बैठे रहेंगे तो हमारी सुनेगा कौन अपने बच्चो को भूखा रखकर किसी पार्टि के साथ कैसे जा सकते है जब समय आएगा तब आप जाइए किसी भी पार्टि के साथ हमारा कोई ताल्लुकात नही है आप सभी आपसे जैसा भी बने परसो के दिन 11 बजे ट्रेक्टर लेकर पेटलावद पहुचे हमे तहसील कार्यालय के बाहर एकत्रित होकर ज्ञापन देना है हामङ ने यह भी कहा कि अभी कोई चुनाव नही है इसलिए किसी भी पार्टी के लोग नही आएंगे हमे किसी पार्टी की जरूरत भी नही है किसान अपने आप को किसी भी राजनीतिक दल का ना समझे हमे किसी पार्टी या नेता की जरूरत नही हमारी एक सवैंधानिक मांग है धरातल की मांग है कोई नेता भी आए तो वो किसान बनकर हमारे साथ आए हमारी मांगो को ऊपर ले जाए हम राजनीति करना नही चाहते है हमे तो किसानों का हक चाहिए।

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