उदासीनता : क्षतिग्रस्त नहर के भराव में डाली मिट्टी, नहर का पानी किसानों के खेतों में घुसा गेहूं व चने की फसले हुई बर्बाद

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जीवनलाल राठौड़, सारंगी

पहले ही किसान प्रकृति की मार झेल रहे हैं, बारिश अधिक होने से सोयाबीन मक्का की फसल खराब हो गई किसान जैसे तैसे रबी की फसल गेहूं व लहसून की बोवनी करके बड़ी उम्मीद लगाए बैठा था। पिछली फसल बरबाद होने से हिम्मत करके गेहूं की फसल लगाई उसे उम्मीद है कि नहर आने से अच्छी होगी लेकिन किसान शांतिलाल हरीराम पाटीदार, किसान संदीप राधेश्याम पाटीदार के खेत में नहर फूटने से दोनों किसान के तीन तीन बीघा के खेत में पानी घुसने से गेहूं की फसल बर्बाद हो गई। किसान ने एसडीओ को खबर दी जिसके बाद किसान के खेत पर पहुंचकर मौका मुआयना किया। नहर देखकर किसान को आश्वासन दिया, क्षतिग्रस्त नहर में जिस स्थान से पानी बहकर खेतों की ओर जा रहा है उस स्थान पर रिपेयरिंग करवाया जाएगा, लेकिन नह के क्षतिग्रस्त स्थान पर मिट्टी डलवा कर बंद किया लेकिन नहीं नहर के पानी के प्रेशर की कारण मिट्टी वापस धुल गई किसान के खेत में पानी फिर घुस गया। किसान ने बताया अगर नहर को नहीं सुधारा गया जो हमारी फसल बर्बाद हो जाएगी शासन के जिम्मेदार अधिकारियों को ध्यान देना चाहिए।

जिम्मेदार बोल-

जब इस विषय में एसडीओ भाबर से चर्चा की तो उन्होंने बताया नहर अभी बंद नहीं कर सकते आगे के किसान पानी के लिए परेशान हो जाएंगे। 2 दिन बाद नहर को बंद करके दोनों किसानों की समस्या का हल कर देंगे।
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