एक अप्रैल से चलन से बाहर हो जाएंगे चार हजार सरकारी वाहन

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भारत सरकार की नई स्क्रैप नीति के अंतर्गत मध्य प्रदेश के चार हजार से अधिक सरकारी वाहन एक अप्रैल को चलन से बाहर हो जाएंगे। ये वाहन 15 साल पुराने हैं। परिवहन विभाग ने साफ कर दिया है कि ऐसे वाहनों को सड़क पर चलने नहीं दिया जाएगा।

विभाग की समीक्षा बैठक में शनिवार को परिवहन मंत्री गोविंदसिंह राजपूत ने इस पर अधिकारियों से चर्चा की और कहा कि संबंधित विभागों को अपने वाहन मान्यता प्राप्त स्क्रैपिंग एजेन्सी में स्क्रैप कराने होंगे। वहीं विभाग एक नवाचार भी कर रहा है। अब ड्राइविंग लाइसेंस स्पीड पोस्ट से आवेदक के घर भेजे जा सकेंगे।

इसके लिए आवेदक को आवेदन में विकल्प चुनना होगा। विभाग डाक विभाग से अनुबंध कर रहा है। योजना को प्रयोग के तौर पर एक जिले से शुरू किया जाएगा और सफल होने पर अन्य जिलों में लागू करेंगे। बता दें कि अभी आवेदकों को लाइसेंस लेने के लिए परिवहन कार्यालय पहुंचना पड़ता है।

मंत्री ने बताया कि परिवहन नीति में नए टैक्स काफी कम होंगे और उन्हें आसानी से चुकाने की सुविधा होगी। इससे सरकार के राजस्व में वृद्धि होगी और वाहन स्वामियों को भी लाभ होगा। बैठक में विभाग के प्रमुख सचिव फैज अहमद किदवई ने बताया कि बसों के आल इंडिया परमिट के लिए प्रति सीट टैक्स में कमी का प्रस्ताव है। कारखानों में कर्मचारियों को लाने-ले जाने के लिए लगाई गई राज्य के बाहर के बसों के लिए अब टैक्स देना होगा। ऐसी स्कूल बसों को भी प्रति सीट प्रति वर्ष की दर से टैक्स देना होगा।

*पंचायतों के वाहनों को पंजीयन में मिलेगी छूट।*

परिवहन आयुक्त संजय कुमार झा ने बताया कि स्थानीय निकायों के साथ ग्राम पंचायतों को सफाई, एंबुलेंस और अग्निशमन वाहन के लिए टैक्स नहीं देना होगा। वहीं यात्री वाहनों के परमिट के टैक्स में वृद्धि की जा रही है।

*दूसरे राज्यों के वाहन खरीदने पर मिलेगी छूट।*

सरकार दूसरे राज्यों के पुराने वाहन खरीदने पर पंजीयन टैक्स में छूट देगी। बैठक में इस प्रस्ताव पर चर्चा हुई है। अभी दूसरे राज्यों से आने वाले वाहनों के पंजीयन में एकमुश्त राशि ली जाती है। इस कारण दूसरे राज्यों से लाए जा रहे पुराने वाहनों का पंजीयन कम हो रहा है। नई व्यवस्था में दूसरे राज्यों से वाहन खरीदने पर पंजीयन में उपयोग वर्ष के टैक्स को घटाकर शेष पंजीयन शुल्क लिया जाएगा।

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