शैलेषे कनेश, मथवाड़
आलीराजपुर पुलिस अधीक्षक राजेश व्यास के मार्गदर्शन में जिले के आदिवासी अंचलों व्याप्त कुरीतियों के उन्मूलन, बाल विवाह, सायबर अपराध, शिक्षा हेतु जनजागरण खटला बैठक जैसे लोकसंवादी माध्यमों का सफलतापूर्क प्रयोग किया जा रहा है। इसी क्रम में दिनांक 12 मई 2025 को बखतगढ़ थाना क्षेत्र ग्राम मथवाड में खाटला बैठक का आयोजन किया गया।
खाटला बैठक थाना प्रभारी संतोष सिसोदिया के नेतृत्व में आयोजित की गई , जिसमें बड़ी संख्या में ग्रामीण जन महिला पुरुष, जनप्रतिनिधि समाज के जागरूक युवा उपस्थित रहे।
खाटला बैठक में मुख्य बिंदु व संदेश
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नशा मुक्ति और नैतिक जागरूकता :– सिसोदिया जी ने ग्रामीणों से आग्रह किया कि शराब न केवल स्वास्थ्य को प्रभावित करता है बल्कि पारिवारिक सामाजिक विघटनाओं का कारण भी बनता है।
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महिला सम्मान व बाल संरक्षण : समाज में महिलाओं के प्रति सम्मानजनक व्यवहार , ओर बाल विवाह को रोकने हेतु ग्रामीणों को संदेश दिया। सामाजिक कार्यक्रमों में बढ़ रहे अनावश्यक खर्चों पर जैसे एक से अधिक डीजे, अनावश्यक विदेशी शराब का सेवन आदि की आलोचना करते हुए बढ़े खर्चों से बचने की सलाह दी।
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सायबर सुरक्षा ओर मोबाइल उपयोग :– वर्तमान में डिजिटल युग चल रहा है जिसमें तरह तरह के अपराध सुनने को मिलते हैं जैसे डिजिटल अरेस्ट, बैंक खाता खाली हो जाना फर्जी ऐप्स, ऑनलाइन गेम आदि
सिसोदिया जी बताया कि इन सब अपराधों, व ठगो से सावधान रहें और किसी भी अनजान लिंक व apk PDF को खोलने से बचे। बच्चों को मोबाइल से दूरी बनाए रखने की अपील भी की। विशेष रूप से ग्रामीणों से कहा कि बच्चों के व्यवहार, असामाजिक गतिविधियों पर ध्यान देने की बात कहीं।
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सरकारी जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी:– सिसोदिया ने ग्रामीणों से बात करते हुए कहा कि वर्तमान में सरकार की जनकल्याणकारी योजना जैसे शिक्षा प्रोत्साहन योजना, इस योजना का लाभ बच्चे को पढ़ाने पर मिलता है ठीक उसी तरह से मुख्यमंत्री कन्यादान योजना भी वर वधू दोनों बालिक होने पर ही मिलता है। इसलिए बच्चे को शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़े ओर, विवाह भी दोनों बालिक होने पर ही कराए।
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युवा वर्ग की दिशा निर्धारण में भी विशेष बल:– वर्तमान में कुछ युवा को मोबाइल, नशे की चपेट में आ गया है और दोपहिया वाहन का उपयोग भी अनप शनाप हो रहा है जिसके कारण अपराध व दुर्घटनाएं अधिक हो रही हैं । जिसके कारण अभिभावकों को सामाजिक व कानूनी संकटों का सामना करना पड़ता है। फलस्वरूप समय ओर आर्थिक नुकसान अधिक होता है।