पारा मंडल में RSS का पथ संचलन निकला, स्वयं सेवक पूर्ण गणवेश में शामिल हुए 

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अशोक बलसोरा, पारा

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 100 वर्ष पूर्ण होने पर रविवार को RSS का पथ संचलन नगर गणवेश एवं अनुशासन के साथ नगर में निकाला गया।इस 100 वर्ष की पूर्णता निमित्त विभिन्न दिनों जारी विविध कार्यक्रमों की कड़ी में श्वेत वस्त्र धारण किए स्वयं सेवकों द्वारा अनुशासित पथ संचलन एवं घोष वादन का आयोजन हुआ, जिसमें नगरवासियों के ह्रदयों में नई ऊर्जा और गर्व प्रेम संचार किया। कार्यक्रम बस स्टैण्ड पर पवित्र भगवा ध्वज वंदन, शारीरिक अभ्यास और शाखा की प्रार्थना के साथ हुआ। घोषवादन प्रमुख आकर्षण रहा।

मुख्य वक्ता बोद्धिक तेजराम मंगरोदा रतलाम विभाग संघचालक जी इन्होने संघ की विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से 100 वर्ष में संगठन की यात्रा का विस्तार बताया। संघ की स्थापना 1925 में डॉ. हेडगेवार द्वारा की गई थी, जिसका उद्देश्य भारत माता की सेवा और राष्ट्र निर्माण के लिए चरित्र निर्माण करना है। इसी उद्देश्य को लेकर संघ कार्य कर रहा है, वर्तमान में यह विश्व का सबसे बड़ा स्वयंसेवक संगठन बन गया है। इसके कार्य से समाज में संतुलन, जागरूकता और सामाजिक समरसता आई है।

शताब्दी वर्ष का संदेश, समाज परिवर्तन को दिया है पंथ चरण का काम है

संघ ने अपने शताब्दी वर्ष में कई समाज परिवर्तनकारी कार्य किए हैं। इनमें शिक्षा, स्वास्थ्य, ग्राम विकास, स्वावलंबन, महिला सशक्तिकरण, गौ रक्षा, पर्यावरण संरक्षण प्रमुख हैं। समाज की विभिन्न इकाइयों में जागरूकता और सेवा कार्यों का उत्साह देखा जा रहा है, जिससे समाज में समरसता बढ़ी है, इसलिए शताब्दी वर्ष का पथ संचलन जन जन तक संदेश पहुंचाने के लिए किया गया, इसका उद्देश्य केवल पथ संचलन नहीं बल्कि समाज में बदलाव लाना भी है।

नगर प्रवेश पर स्वयंसेवकों का पुष्पवर्षा से स्वागत किया गया। घोष के स्वर और अनुशासन ने नगरवासियों का मन मोह लिया। स्वयंसेवकों के कदम से आमजन भावविभोर हो गए और उत्सव में शामिल हो गए। पथ संचलन में संघ के शारीरिक और घोष दल के साथ नगर में रैली निकाली गई जिसमें 100 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में शाखा के कार्यों की प्रमुख बातें बताई गई।

घोष दल हुए शामिल

इसके उपरांत मुख्यनगर मार्गों में स्वयंसेवकों का अनुशासित पथ संचलन प्रारंभ हुआ। जो बस स्टैंड से होली चौक,सदर बाज़ार,राजेन्द्र चौक,बोरी रोड,इमली चौक,राणापुर रोड,कुमार मोहल्ला,ठाकुर गली,कोठारी गली,होते हुए राम मंदिर ,से बस स्टैंड महायात्रा का समापन हुआ।

मुख्य अतिथि ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत, शांति, शक्तिशाली और समरस समाज निर्माण के लिए संघ जहां ग्राम-ग्राम, नगर-नगर में अनुशासन, सेवा, जागरण और संगठन भाव पैदा कर रहा है। वहां बस्तियों खोलों का काम किया जाएगा। सभी वर्गों में संघ की अगली पंक्ति में स्वयंसेवकों का उत्साह प्रमुख था।

मन में उत्साह और शक्ति का संचार था। मन में राष्ट्र और धर्मनिर्माण का संकल्प था। कार्यक्रम में स्वयंसेवकों के शारीरिक व्यायाम, घोष वादन, अनुशासन, कदमताल ने समां बांध दिया। महिलाओं एवं बच्चों ने पुष्पवर्षा कर पुण्य लाभ लिया। नगर के समाज सदस्य, व्यापारी, गणमान्य नागरिक, पंचायत पदाधिकारी, युवा प्रमुख, पत्रकार, राजनेता आदि शामिल हुए। 100 वर्ष पूर्ण होने पर समाज में संघ के कार्यों की आकर्षक झांकी प्रस्तुत की गई। इसमें बड़ी संख्या में उत्साही समाज के विविध वर्गों के लोग बैठकर इस कार्यक्रम के साक्षी बने।

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