निर्मला अमृतलाल जैन ने 54 उपवास की कठिन तपस्या पूर्ण की 

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पारा।  पारा वास्तव में अपारा है। जहाँ पूरे क्षेत्र के निवासी सर्वधर्म समभाव से रहते हैं। वहीं अनगिनत बार यहां अनेकता में एकता के दर्शन होते रहे हैं । यह उद्गार प्रवचन के रूप में अनेकों बार प्रभु भगवंत आचार्य देवेश पुण्य सम्राट गच्छाधिपति जयंत सेन सूरीश्वर जी महाराजा ने पारा नगर में ही नहीं बल्कि भारत के कई बड़े शहरों और कस्बो में देकर कहा था।  पारा क्षेत्र आदिवासी बहुल क्षेत्र है।और इस पारा क्षेत्र की विशेषता है कि यहां सर्वधर्म सर्व समाज के लोग फिर मिलकर रहते हैं। इस कारण  यहां का माहौल धर्म मय रहता है । इसी कड़ी में जयंत नगर 

पारा की सुश्राविका  एवं  पारा के वरिष्ठ पत्रकार अमृतलाल जैन की धर्मपत्नी निर्मला जैन ने गच्छाधिपति धर्म दिवाकर आचार्य देवेश श्रीमद्विजय नित्य सेन सूरीश्वर जी  महाराजा तथा पारा में चातुर्मास हेतु विराजित साध्वी भगवंत चारित्रकला श्री जी आदि ठाना की प्रेरणा पाकर 54 उपवास की कठिन तपस्या शुक्रवार को पूर्ण की।

 शनिवार को मुख्य बाजार स्थित जैन मंदिर प्रांगण से तपस्वी श्रीमती निर्मला जैन के शासन माता पूजन के बाद शोभायात्रा निकाली जाएगी जो बाद में नवकार आराधना भवन पहुंचेगी जहां आयोजित धर्मसभा में साध्वी श्री चारित्रकला श्री जी के प्रवचन के बाद श्री संघ एवं परिषद परिवार द्वारा बहुमान किया जाएगा कार्यक्रम के पश्चात पोखरना परिवार द्वारा स्वामी भक्ति का आयोजन भी रखा गया है ज्ञातव्य है कि श्रीमती निर्मला जैन ने गच्छाधिपतिआचार्य देवेश श्रीमद्विजय नित्यसेन सूरीश्वर जी के सन 2022 में झाबुआ चातुर्मास के दौरान पारा में 36 उपवास की कठिन तपस्या कर चुकी हैं।

शनिवार का संयोग

सर्वप्रथम निर्मला जैन ने 1986 में  पुण्य सम्राट आचार्य देवेश जयंत सेन सुरीश्वरजी  के पारा चातुर्मास में अठाई तपस्या की थी जिसका पारणा  शनिवार को हुआ था। दूसरी बार वर्ष 2022 में भी 36 उपवास की कठिन तपस्या की थी जिसका पारणा भी शनिवार को ही हुआ था। और  इस बार भी 54 उपवास की तपस्या भी शुक्रवार को पूर्ण हुई एवं पारणा शनिवार को होगा। 

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