धर्म व्यक्ति और समाज को मर्यादा, अनुशासन में जीवन जीना सिखाता है

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अशोक बलसोरा@झाबुआ लाइव

पूज्य आचार्य महामंडलेश्वर श्री स्वामी प्रणवानंद सरस्वती जी महाराज ने कथा में कहा धर्म व्यक्ति और समाज को मर्यादा, अनुशासन में जीवन जीना सिखाता है। धार्मिक क्रियाकलापों के नाम पर उच्चश्रंखलता, मर्यादा मूल्यों का अतिक्रमण नहीं होना चाहिए धार्मिक संगीत में आध्यात्मिकता सकारात्मकता होनी चाहिए फूहड़ता नहीं।

श्रीमद् भागवत कथा के पंचम दिवस कथा को विस्तार देते हुए पूज्य महाराज श्री जी ने भगवान श्री कृष्ण की गौचरण लीला के संदर्भ में गौ माता के महत्व का वर्णन किया। जिसमें गौ माता के धार्मिक आध्यात्मिक सामाजिक सांस्कृतिक आर्थिक सभी प्रकार के लाभ गुण विशेषताओं महत्व उपयोगिता की विस्तार से जानकारी उपस्थित जनमानस को प्रदान की। पूज्य महाराज श्री जी ने ब्रज भूमि पर भगवान श्री कृष्ण की बाल लीलाओं का सरल सुगम भाषा शैली में जनसामान्य के लिए वर्णन किया गोवर्धन लीला के माध्यम से भगवान श्री कृष्ण ने प्रकृति पूजन और प्रकृति के साथ तादात्म्य स्थापित करने का संदेश दिया। कार्यक्रम के आयोजक धर्म रक्षक सेवा समिति रोटला और सयोंजक वालसिंह मसानिया है।

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