कलश यात्रा के साथ शुरू हुई श्रीमद् भागवत कथा

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पारा। श्रीमद भगवत ज्ञान कथा व महालक्ष्मी महायज्ञ का प्रथम दिन  कलश यात्रा ग्राम झकेला, कानकटी की सीमा से कलश की पूजा अर्चना की। पंडित अजय शास्त्री व्रन्दावन ने पूजन किया और गांव वाले कालिया जी की टीम ने केले की प्रसाद वितरण कर प्रारम्भ किया। डीजे, मांदल,से निकली कलश पर खेड़ा पट्टी हनुमानजी महाराज के मंदिर से श्री मद भागवत भगवान की पूजा, अर्चना कर पंडित जी और स्वामी जी ने की। धर्म रक्षक के प्रमुख वालसिंह मसानिया को भागवत गीता सिर पर उठा कर लाया और माँ लक्षमी जी के यज्ञ की परिक्रमा कर कथा स्थल पर भगवत कथा की पूजा की। महाआरती कर भक्त केशर जी भूरिया और करन भूरिया, भाजपा जिला महामंत्री सोमसिंह सोलंकी, किसोर भाबर ने किया और पधारे सन्त हिन्दू भूषण श्याम जी भूषण पालघर, स्वामी पूर्णानन्द जी सरस्वती, स्वामी कृष्णानन्द जी महाराज और व्रन्दावन से संगीत कलाकर पधारे सभी संतो का स्वागत किया। व्यासपीठ  पर आचार्य महामंडलेश्वर 1008 स्वामी श्री प्रणवानन्द जी सरस्वती महाराज व्रन्दावन धाम ने  निसाद भील की कथा सुनाई। उसमें  बताया कि महाशिवरात्रि उनके द्वारा चारो प्रहर पूजा की उसका वर्णन किया, और रामायण में राम जब वनवास गया तो उनकी रहने और खाने की व्यवस्था तो भीलों ने की है और हिन्दू धर्म जीवित है तो वह आदिवासी जनजाति समाज के कारण है। भगवान राम में सबरी माता के दर्शन किया और सबरी माता ने रामजी को मार्ग बताया। सहयोगी बापू चमका, विजेंदर बघेल, राहुल बारिया, विमला खपेड, शिवम ने और भक्तों ने किया। 

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