दशा माता की पूजन कर महिलाओं ने रखा व्रत, की परिवार की समृद्धि की कामना

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जितेन्द्र वाणी, नानपुर
प्राप्त जानकारी के अनुसार इस व्रत को रखने से घर में जो दुर्दशा रहती है वह समाप्त हो जाती है व दशा माता के आशीर्वाद से घर में सुख शांति समृद्धि का वैभव बना रहता है। पंडित प्रेमलता नागर ने बताया कि एक समय राजा ने व्रत कर रही महिलाओं के द्वारा पीपल के पेड़ पर लगे धागे को तोड़ दिया था जिससे उस राजा की दुर्दशा वह प्रजा बहुत दुखी हुई व्रत में बताया गया कि उसके बाद राजा ने दशामाता से माफी मांगी थी व कहा था कि मेरे से भूल हो गई है। अगली बार में दशा माता के व्रत पूरे राज्य में करवा यूँगा वह तभी उसके बाद से राजा की प्रजा सुखी और समृद्धि होती हुई दिखाई दी इस व्रत में महिलाएं सुबह से व्रत रखती है व घर से शुद्ध धागे का बंडल ले जाकर श्रीफल ताव अबीर, गुलाल, कंकू, हल्दी से पूजन करती है इसके बाद वहां से पानी लाकर घरों में छिड़काव करते हैं जिससे घर की दुर्दशा दूर हो जाती है घर मे परिवार में धन धान्य वैभव आने लगता है यह व्रत वर्षो से चलता आ रहा है।